क्या युवाओं में किडनी स्टोन की समस्या बढ़ रही है? जीवनशैली में सुधार से पा सकते हैं निदान?
सारांश
Key Takeaways
- गलत खानपान और कम पानी पीने से किडनी स्टोन की समस्या बढ़ती है।
- आयुर्वेदिक उपाय जैसे नारियल पानी और तुलसी का सेवन लाभकारी होता है।
- सर्जरी की आवश्यकता तब होती है जब स्टोन का आकार बढ़ जाए।
- खाने के बाद तुरंत लेटने से पाचन शक्ति कमजोर होती है।
- समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
नई दिल्ली, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गलत खानपान और कम पानी पीने के कारण शरीर में धीरे-धीरे कई समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। आजकल की खराब जीवनशैली के कारण युवाओं से लेकर बुजुर्गों में किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) की समस्या बढ़ती जा रही है।
कई बार पथरी का उपचार दवा से किया जा सकता है, लेकिन कुछ स्थितियों में सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
आयुर्वेद में गुर्दे की पथरी को “अश्मरी रोग” कहा जाता है, जिसका अर्थ है शरीर में किसी कठोर संरचना का निर्माण। आयुर्वेद के अनुसार, किडनी स्टोन वात, पित्त, और कफ के असंतुलन से संबंधित है। जब शरीर में तीनों दोषों का संतुलन बिगड़ता है, तब खानपान में अधिक नमक, मांसाहार, प्रोटीन और मसालेदार भोजन का सेवन होने लगता है। इसके साथ ही, खाने के बाद तुरंत लेट जाने से पाचन शक्ति कमजोर होती है, जिससे किडनी स्टोन का खतरा बढ़ जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, जब वात, पित्त, और कफ का असंतुलन होता है, तो मूत्रवाहिनी में खनिज और लवण जमने लगते हैं और यह धीरे-धीरे कठोर रूप ले लेते हैं। समय के साथ इनका आकार बढ़ता है। पहले चरण में दवाओं से इलाज संभव है, लेकिन जब आकार बढ़ जाता है, तो सर्जरी का सहारा लेना पड़ सकता है।
आयुर्वेद में कुछ प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं, जिनसे किडनी स्टोन की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। किडनी स्टोन की समस्या होने पर दिन में दो बार नारियल पानी का सेवन करना चाहिए और प्रचुर मात्रा में पानी पीना चाहिए। नारियल पानी शरीर को ठंडक प्रदान करता है और यूरिन को पतला करने में मदद करता है।
तुलसी और शहद का सेवन भी किडनी स्टोन के लिए लाभकारी होता है। यह पित्त को संतुलित करते हैं और पथरी की स्थिति को नियंत्रित करते हैं। इसके लिए रोजाना तुलसी और शहद को मिलाकर लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त, लौकी का रस भी लाभकारी होता है। यह मूत्रमार्ग पर संक्रमण को कम करता है। इस रस का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए।
आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेकर गोखरू और गोकुलाक्षी क्वाथ चूर्ण का सेवन किया जा सकता है। ये चूर्ण मूत्रमार्ग को साफ करने में सहायक होते हैं और किडनी स्टोन को तोड़ने की क्षमता रखते हैं।