क्या यूक्रेनी सांसदों ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया?

सारांश
Key Takeaways
- यूक्रेनी सांसदों ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है।
- ट्रंप की मध्यस्थता के प्रयासों की सराहना की गई है।
- यह प्रस्ताव आठ सांसदों द्वारा पेश किया गया था।
- विधेयक की समीक्षा समिति द्वारा की जाएगी।
- ट्रंप खुद को नोबेल पुरस्कार का हकदार मानते हैं।
कीव, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूक्रेन के कुछ सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की है। सांसदों ने मास्को-कीव के संघर्ष में ट्रंप द्वारा मध्यस्थता के प्रयासों की सराहना की है।
यूक्रेनी सांसदों के एक समूह ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें उनकी रणनीतिक दूरदर्शिता के साथ-साथ मास्को और कीव के बीच संघर्ष को सुलझाने के प्रयासों की प्रशंसा की गई है। कई राजनेताओं ने पहले ही ऐसी ही भावनाओं का इजहार किया है।
सोमवार को इस प्रस्ताव को आठ सांसदों ने पेश किया, जिनमें दक्षिणपंथी 'फॉर द फ्यूचर' की प्रमुख सांसद अन्ना स्कोरोखोद और वोलोदिमीर जेलेंस्की की 'सर्वेंट ऑफ द पीपल पार्टी' के जॉर्जी माजुराशू शामिल हैं।
मसौदा विधेयक के साथ दिए गए एक नोट में कहा गया है कि ट्रंप ने बातचीत के लिए बार-बार तत्परता दिखाई है और वैश्विक संघर्षों को कम करने के लिए कदम उठाए हैं। संघर्ष के बढ़ने के दौरान, राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने कीव और मास्को दोनों के साथ सक्रिय राजनयिक संबंध स्थापित कर रणनीतिक दूरदर्शिता का परिचय दिया, जिससे तनाव कम करने में मदद मिली।
आरटी न्यूज के अनुसार, इस विधेयक की समीक्षा समिति द्वारा की जानी है, और यह स्पष्ट नहीं है कि इसे मतदान के लिए रखा जाएगा या नहीं।
जुलाई में, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मध्य पूर्व में ट्रंप के मध्यस्थता प्रयासों का हवाला देते हुए ट्रंप को इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया था। इससे पहले जून में, पाकिस्तान ने घोषणा की थी कि उसने औपचारिक रूप से इस पुरस्कार के लिए ट्रंप के नाम की सिफारिश की है। कंबोडिया ने भी थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर संघर्ष को रुकवाने में ट्रंप की भूमिका की प्रशंसा की और इस पुरस्कार के लिए उन्हें उचित उम्मीदवार बताया।
ट्रंप खुद कई बार विभिन्न मंचों से कह चुके हैं कि वे नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। वे बार-बार दावा करते हैं कि केवल सात महीनों में ही उन्होंने सात युद्ध समाप्त कराए हैं।