क्या अबू माजेन को जवाब देने के लिए फिलिस्तीनी अथॉरिटी का खात्मा आवश्यक है?

सारांश
Key Takeaways
- इजरायल के मंत्री ने फिलिस्तीनी अथॉरिटी के खात्मे की मांग की है।
- महामूद अबू माजेन संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीनी राज्य की घोषणा पर विचार कर रहे हैं।
- गाजा सिटी पर नियंत्रण के लिए इजरायल की सुरक्षा योजना है।
तेल अवीव, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल के कट्टर दक्षिणपंथी नेता और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के मंत्री इतमार बेन-ग्विर ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फिलिस्तीनी अथॉरिटी को तुरंत समाप्त करने की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बात पर जोर दिया।
बेन-ग्विर ने एक्स पोस्ट में कहा, "यह अबू माजेन के 'फिलिस्तीनी राज्य' के सपनों का उत्तर होना चाहिए; उस आतंक प्राधिकरण को नष्ट करना चाहिए, जिसका वह नेतृत्व कर रहा है।"
द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, बेन-ग्विर का यह बयान अल-अरबी अल-जदीद अखबार की एक खबर के बाद आया, जिसमें बताया गया था कि महमूद अबू माजेन (जो फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं) इस साल संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान एक फिलिस्तीनी राज्य की एकतरफा घोषणा करने पर विचार कर रहे हैं।
कई देशों ने न्यूयॉर्क में होने वाली वार्षिक कूटनीतिक बैठक के दौरान फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की योजना बनाई है।
हाल ही में नेतन्याहू के कार्यालय ने घोषणा की है कि सुरक्षा मंत्रिमंडल ने इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) को गाजा सिटी पर नियंत्रण करने की योजना को मंजूरी दे दी है।
नेतन्याहू के कार्यालय के अनुसार, यह योजना हमास को हराने के लिए उनकी प्रस्तावित रणनीति का हिस्सा है। इसमें गैर-लड़ाकू क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि अधिकांश मंत्रिमंडल के सदस्यों ने पांच सिद्धांतों की सूची का समर्थन किया, जिनमें हमास का निरस्त्रीकरण, सभी 50 शेष बंधकों की वापसी (जिनमें से 20 के जीवित होने की संभावना है), गाजा पट्टी का निरस्त्रीकरण, इजरायल का गाजा पर सुरक्षा नियंत्रण और हमास या फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अलावा एक वैकल्पिक नागरिक सरकार की स्थापना शामिल है।
हालांकि, विपक्षी नेताओं ने इजरायली कैबिनेट के गाजा सिटी पर नियंत्रण करने की योजना को मंजूरी देने के फैसले की कड़ी निंदा की। उन्होंने इस फैसले को विनाशकारी बताते हुए चेतावनी दी कि यह निर्णय कई और समस्याओं को जन्म देगा, जिसमें इजरायली बंधकों और सैनिकों की मौत भी हो सकती है।