क्या झारखंड के चतरा में अंधविश्वास के चलते बुजुर्ग की हत्या का खुलासा हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- अंधविश्वास के चलते हत्या की घटनाएं समाज में चिंता का विषय हैं।
- पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए सही कदम उठाए हैं।
- जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
- सामाजिक विवादों को सुलझाना जरूरी है।
- अंधविश्वास के खिलाफ ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
चतरा, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के चतरा जिले के बरवा कोचवा गांव में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग की हत्या के मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने रविवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि अंधविश्वास और ओझा-गुणी से जुड़े विवाद के चलते यह घातक वारदात अंजाम दी गई थी।
बुजुर्ग अपने घर के आंगन में सो रहे थे, तभी किसी अज्ञात हमलावर ने उनका गला रेतकर उनकी जान ले ली। यह घटना 18-19 जुलाई की रात को हुई थी।
प्रतापपुर थाने की पुलिस ने इस मामले में परिजनों की सूचना पर 19 जुलाई को अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और जांच शुरू की। जांच में पता चला कि बुजुर्ग और कुछ ग्रामीणों के बीच वर्षों से ओझा-गुणी को लेकर विवाद चल रहा था।
पुलिस ने रविवार को इसी गांव के रामबली भारती के पुत्र पंकज कुमार और अर्जुन भारती के पुत्र भोला भारती को गिरफ्तार किया। हत्या में प्रयुक्त चाकू, खून से सनी टी-शर्ट, ट्राउजर और घटना के बाद भागने के लिए इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी पुलिस ने जब्त कर ली है।
प्रतापपुर के थाना प्रभारी कासिम अंसारी ने बताया कि अंधविश्वास के नाम पर यह वारदात अंजाम देने वाले दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म भी स्वीकार कर लिया है। तकनीकी साक्ष्यों और गुप्त सूचना के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। आगे की पूछताछ जारी है। उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा रहा है और जल्द ही इस मामले में चार्जशीट दायर की जाएगी।
गिरफ्तारी के लिए की गई छापेमारी में प्रतापपुर के थानेदार कासिम अंसारी, एसआई जुएल गुड़िया और एएसआई बिनोद तिवारी सहित पुलिस बल के जवान मौजूद थे।
झारखंड में डायन-भूत और तंत्र-मंत्र के अंधविश्वास के चलते हर साल औसतन 60 से 65 हत्या की घटनाएं सामने आती हैं।