क्या राहुल गांधी को कर्नाटक के सीईओ के नोटिस का जवाब देना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने नोटिस भेजा है।
- राहुल को समय पर डिक्लेरेशन देना चाहिए।
- मतदाता सूची की पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है।
- गलत जानकारी देने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
बेंगलुरु, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोलते हुए चुनावों में गड़बड़ी का आरोप लगाया।
इस पर कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उनके बयान का कड़ा जवाब देते हुए कहा है कि राहुल गांधी को समय पर डिक्लेरेशन देना चाहिए या फिर झूठे आरोप लगाने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।
पहले चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था कि अगर शकुन रानी या अन्य किसी ने दो बार मतदान किया है, तो उन्हें दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। लेकिन पूछताछ में शकुन रानी ने केवल एक बार मतदान करने की बात कही।
हाल ही में कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी को पत्र भेजकर अपात्र मतदाताओं के नाम हटाने के आरोप में शपथ पत्र मांगा था। उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को शुक्रवार को 1 से 3 बजे मिलने का समय दिया।
सीईओ ने कहा कि मतदाता सूची को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार पारदर्शी तरीके से तैयार किया गया है।
पत्र में कहा गया था कि नवंबर 2024 में ड्राफ्ट मतदाता सूची और जनवरी 2025 में अंतिम मतदाता सूची कांग्रेस के साथ साझा की गई थी। इसके बाद कांग्रेस की ओर से कोई अपील या शिकायत दर्ज नहीं की गई।
उन्होंने राहुल गांधी से अनुरोध किया था कि वे मतदाता सूची में शामिल या हटाए गए व्यक्तियों के नाम, पार्ट नंबर और सीरियल नंबर के साथ एक हलफनामा जमा करें, ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके। हलफनामे में यह भी घोषणा करने को कहा गया कि दी गई जानकारी सही है, और गलत जानकारी देने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।