क्या भारत चुनौतियों का सामना कर सकता है? महिपाल ढांडा का बयान

सारांश
Key Takeaways
- महिपाल ढांडा ने तिरंगा यात्रा का नेतृत्व किया।
- भारत चुनौतियों का सामना करने के लिए तत्पर है।
- शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
- तिरंगे के रंगों का महत्वपूर्ण संदेश है।
- 'वोकल फॉर लोकल' का नारा दिया गया।
पानीपत, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने शहीदों की याद में तिरंगा यात्रा का नेतृत्व किया। इस यात्रा में हजारों लोग तिरंगा लेकर शामिल हुए। तिरंगा यात्रा का समापन लघु सचिवालय स्थित शहीद स्मारक पर हुआ, जहां शिक्षा मंत्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने यूएस टैरिफ पर कहा कि भारत चुनौतियों से नहीं डरता और आंख से आंख मिलाकर जवाब देगा।
महिपाल ढांडा ने कहा कि देश की आजादी लाखों लोगों की शहादत के बाद मिली है। स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते हुए 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ तब भारत को आगे बढ़ाने के अनेक सपने थे। इस सपने के प्रतीक के रूप में तिरंगा झंडा बना।
उन्हें कहना था कि तिरंगे का भगवा रंग बलिदान और शौर्य का प्रतीक है, सफेद रंग सत्य और शांति का संदेश देता है, जबकि हरा रंग समृद्धि और हरियाली का प्रतीक है। अशोक चक्र दर्शाता है कि देश कभी रुकेगा नहीं, बल्कि निरंतर विकास की ओर बढ़ता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत पूरी दुनिया को चुनौती दे रहा है।
ढांडा ने बताया कि देश की जनता ने संकल्प लिया है कि आजादी के सौ वर्ष पूरे होने से पहले भारत को विश्व गुरु बनाएंगे। इसके लिए हर बच्चा तिरंगा यात्रा में भाग लेकर शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है।
अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चुनौतियों को समझते हुए 'वोकल फॉर लोकल' का नारा दिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जनता को भारत में बने उत्पादों को खरीदने की अपील की है। यदि लोग ऐसा करते हैं तो हम अपनी चुनौतियों से निपट सकते हैं। इससे ज्यादा नुकसान उन लोगों का होगा जो आर्थिक प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं।