क्या सिक्किम में पहला 'आमा सम्मान दिवस' माताओं के लिए एक नई शुरुआत है?

सारांश
Key Takeaways
- आमा सम्मान दिवस माताओं के बलिदान की मान्यता है।
- 32 हजार माताओं को 40 हजार रुपए की अनुदान राशि मिलेगी।
- यह कार्यक्रम 128 करोड़ रुपए की लागत पर आयोजित किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने माताओं के योगदान को सराहा।
- हर साल जन मुक्ति दिवस और आमा सम्मान दिवस एक साथ मनाए जाएंगे।
गंगटोक, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सिक्किम में रविवार को औपचारिक रूप से पहला 'आमा सम्मान दिवस' मनाया गया। इस समारोह में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की।
यह दिन माताओं के बलिदान, साहस और राज्य में उनके योगदान के सम्मान में समर्पित किया गया। रंगपो खेल मैदान में आयोजित इस समारोह में माताओं सहित हजारों लोग एकत्रित हुए।
इस नई पहल के तहत, सिक्किम की लगभग 32 हजार माताओं को 40 हजार रुपए की अनुदान राशि दी जाएगी। यह राशि दो चरणों में प्रदान की जाएगी। सरकार इस कार्यक्रम पर 128 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
मुख्यमंत्री ने आमा सम्मान दिवस की शुरुआत को व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सिक्किम के सामाजिक और राजनीतिक जीवन में, खासकर कठिन समय में माताओं ने हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। माताएं क्रांतिकारी साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही हैं। उनके संघर्षों और बलिदानों में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) पार्टी का सफर राज्य भर की माताओं के साहस और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री के लिए 10 अगस्त का दिन व्यक्तिगत रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जन उन्मुक्ति दिवस है, जिस दिन उन्हें 'अन्यायपूर्ण कारावास' से रिहा किया गया था।
उन्होंने उस दौर को याद करते हुए कहा कि जब वह जेल में थे, तब माताएं ही उनसे मिलने आती थीं, कभी उन्हें डांटने, कभी सलाह देने और अक्सर उन्हें लड़ते रहने का साहस देने के लिए।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सिक्किम के लोगों की एकता और दृढ़ता का सम्मान करते हुए हर साल जन मुक्ति दिवस और आमा सम्मान दिवस एक साथ मनाया जाएगा।