क्या अफगानिस्तान में भूकंप ने बचाव कार्यों को बाधित किया?

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क्या अफगानिस्तान में भूकंप ने बचाव कार्यों को बाधित किया?

सारांश

अफगानिस्तान में भूकंप से प्रभावित प्रांतों में बचाव कार्यों में चुनौतियों का सामना किया जा रहा है। हिंदू-सिख समुदाय ने मदद का हाथ बढ़ाया है। जानिए पूरी स्थिति और राहत की कोशिशें।

Key Takeaways

  • भूकंप के बाद बचाव कार्यों में चुनौतियाँ हैं।
  • हिंदू-सिख समुदाय ने राहत सामग्री भेजी है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने सहायता की आवश्यकता जताई है।
  • भारत ने मानवीय सहायता भेजी है।
  • तालिबान ने वैश्विक सहायता की अपील की है।

नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अफगानिस्तान में आए भयानक भूकंप के बाद बचाव कार्यों में कई चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भूकंप से प्रभावित प्रांतों में मानवता सहायता कार्यकर्ताओं को संचार और संपर्क में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

इस बीच, अफगानिस्तान में निवासरत हिंदू और सिख समुदाय के सदस्यों ने भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए आगे बढ़कर मदद का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने पूर्वी प्रांतों में प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री भेजी है।

काउंसिल ऑफ हिंदू एंड सिख माइनॉरिटीज ऑफ अफगानिस्तान के अध्यक्ष मंजीत सिंह लांबे ने बताया कि अफगानिस्तान के सिख समुदाय ने विदेशों में रहने वाले प्रवासी समुदायों और विश्व हिंदू संघ के साथ मिलकर भूकंप पीड़ितों के लिए मानवीय सहायता भेजी है।

इस तबाही का सामना करने वाले शहरों में जलालाबाद भी शामिल है, जहां सिख गुरु गुरु नानक ने दौरा किया था। इस शहर में गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार स्थित है। वर्तमान में अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदुओं और सिखों की सटीक संख्या ज्ञात नहीं है।

यूरोपीय संघ की एजेंसी फॉर एसाइलम के अनुसार, 1970 के दशक में इनकी संख्या सात लाख से अधिक थी, जो 2021 के अंत तक घटकर लगभग 150 रह गई थी।

सिख और हिंदू संगठन की वेबसाइट पर एक पोस्ट के अनुसार, 2019 में अब समाप्त हो चुके अफगानिस्तान के स्वतंत्र निर्वाचन आयोग ने देशभर में 1,105 सिख और हिंदू मतदाताओं को दर्ज किया था, जिनमें से 759 काबुल, 342 नंगरहार प्रांत और केवल चार हेलमंद में थे।

संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि भूकंप से सैकड़ों-हजारों लोग प्रभावित हो सकते हैं। रविवार को आए भूकंप के बाद पहले 24 घंटों में राहत और बचाव कार्यों तक पहुंच 'बेहद सीमित' रही। भूकंप के कारण हुए भूस्खलन और चट्टानों के गिरने से बचाव कार्य बाधित हुए। हाल की भारी बारिश के कारण पहले से ही कुछ सड़कें भूस्खलन से अवरुद्ध थीं।

इसके बाद से क्षेत्र में कई झटके (आफ्टरशॉक्स) भी महसूस किए गए। रविवार को पाकिस्तान सीमा के पास 6.0 तीव्रता का पहला भूकंप आया और दो दिन बाद मंगलवार को 5.2 तीव्रता का एक और झटका लगा।

प्रतिबंधों और सहायता में कटौती का सामना कर रहे तालिबान शासन ने वैश्विक समुदाय से सहायता की अपील की है। अब तक 40 देश काबुल के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन केवल रूस ने तालिबान शासन को मान्यता दी है।

भारत ने पहले ही 1,000 टेंट और 15 टन खाद्य सामग्री सहित मानवीय सहायता भेजी है। नई दिल्ली ने काबुल को दवाइयों और खाद्य आपूर्ति में निरंतर सहायता का आश्वासन दिया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भूकंप के बाद की स्थिति गंभीर है। हम सभी को मिलकर इन लोगों की मदद करनी चाहिए। सहायता का हाथ बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है, और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी अकेला न रहे।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

अफगानिस्तान में भूकंप कब आया?
अफगानिस्तान में भूकंप रविवार को आया, जिसकी तीव्रता 6.0 मापी गई।
क्या हिंदू-सिख समुदाय ने मदद की है?
हाँ, हिंदू-सिख समुदाय ने भूकंप पीड़ितों के लिए राहत सामग्री भेजी है।
भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद के लिए कौन-कौन से देश आगे आए हैं?
भारत ने 1,000 टेंट और खाद्य सामग्री सहित मानवीय सहायता भेजी है।
संयुक्त राष्ट्र का क्या कहना है?
संयुक्त राष्ट्र ने भूकंप से प्रभावित लोगों की संख्या में वृद्धि की आशंका जताई है।
तालिबान शासन ने क्या किया है?
तालिबान शासन ने वैश्विक समुदाय से सहायता की अपील की है।
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