क्या माइक्रोसॉफ्ट और गूगल भारत के टेक सेक्टर में अरबों डॉलर का निवेश कर रहे हैं?

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क्या माइक्रोसॉफ्ट और गूगल भारत के टेक सेक्टर में अरबों डॉलर का निवेश कर रहे हैं?

सारांश

अमेरिकी टेक दिग्गज भारत के डेटा सेंटर और एआई सेक्टर में अरबों डॉलर का निवेश कर रहे हैं। यह निवेश भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है। क्या यह निवेश देश के लिए फायदेमंद होगा?

Key Takeaways

  • अमेरिकी कंपनियों का भारत में 67.5 अरब डॉलर का निवेश।
  • भारत का डेटा सेंटर और एआई में उभरता हुआ स्थान।
  • गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और मेटा जैसे दिग्गजों का नेतृत्व।
  • डेटा की स्थानीय स्टोरेज के लिए भारत सरकार के नियम।
  • बढ़ते व्यापारिक तनाव के बावजूद निवेश की वृद्धि।

वॉशिंगटन, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका की प्रमुख टेक कंपनियां भारत में अरबों डॉलर का निवेश कर रही हैं। इसका कारण देश का डेटा सेंटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए एक महत्वपूर्ण वैश्विक हब के रूप में उभरना है। यह जानकारी एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में शनिवार को साझा की गई।

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इस निवेश का नेतृत्व माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, गूगल और मेटा जैसी कंपनियां कर रही हैं।

रिपोर्ट में बताया गया कि माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में एआई प्रोजेक्ट्स के लिए 17.5 बिलियन डॉलर निवेश करने का वादा किया है, जबकि अमेजन ने अगले पांच सालों में एआई-आधारित पहलों के लिए 35 बिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है।

गूगल ने भारतीय कंपनियों अदाणी ग्रुप और भारती एयरटेल के साथ साझेदारी के माध्यम से डेटा सेंटर के लिए 15 बिलियन डॉलर निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। मेटा भी गूगल की योजनाओं के आस-पास एक बड़ा केंद्र स्थापित कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया कि इन सभी निवेशों को मिलाकर, अमेरिकी कंपनियों ने भारत के टेक सेक्टर में लगभग 67.5 अरब डॉलर का निवेश करने का वादा किया है। यह देश के एक ही सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।

मुंबई में एएसके वेल्थ एडवाइजर्स के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर सोमनाथ मुखर्जी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया, "यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा सिंगल-सेक्टर इन्वेस्टमेंट हो सकता है।"

कंपनियां भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था और विशाल उपयोगकर्ता आधार पर दांव लगा रही हैं। देश में वैश्विक डेटा का लगभग 20 प्रतिशत है, लेकिन वैश्विक स्टोरेज क्षमता का केवल एक छोटा सा हिस्सा है।

मुखर्जी ने कहा, "भारत दुनिया में डेटा का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, लेकिन उसके पास अमेरिकी डेटा क्षमता का मुश्किल से 5 प्रतिशत है।"

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह वृद्धि वॉशिंगटन और नई दिल्ली के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के बावजूद हुई है, जिसमें इस साल की शुरुआत में अमेरिका द्वारा लगाए गए ऊंचे टैरिफ भी शामिल हैं।

भारत सरकार, जो विदेशी सर्वरों पर निर्भरता कम करना चाहती है, उसने डेटा को स्थानीय स्तर पर स्टोर करने के नियमों पर विचार किया है। 2018 से, अधिकारियों ने ऐसे कानूनों पर चर्चा की है जो डिजिटल सेवाओं को देश के अंदर सर्वर पर आधारित होने के लिए अनिवार्य करते हैं, और बैंक व मैसेजिंग प्लेटफार्म पहले से ही ऐसी आवश्यकताओं के अधीन हैं।

Point of View

NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या ये निवेश भारत की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होंगे?
जी हां, ये निवेश भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।
क्या भारत में डेटा सेंटर के लिए पर्याप्त जगह है?
हां, भारत में डेटा सेंटर के लिए पर्याप्त संभावनाएं हैं, खासकर इसकी बढ़ती डिजिटल आवश्यकताओं के कारण।
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