क्या अमेरिकी एयरस्ट्राइक के बाद ईसाई-विरोधी तनाव और भी बढ़ेगा? : पूर्व राजदूत महेश सचदेवा

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क्या अमेरिकी एयरस्ट्राइक के बाद ईसाई-विरोधी तनाव और भी बढ़ेगा? : पूर्व राजदूत महेश सचदेवा

सारांश

क्या अमेरिकी एयरस्ट्राइक के परिणामस्वरूप ईसाई-विरोधी तनाव और बढ़ सकता है? पूर्व राजदूत महेश सचदेवा ने इस मुद्दे पर गहराई से चर्चा की है। जानें, नाइजीरिया में हो रही हिंसा और अमेरिका की नई सैन्य कार्रवाई के पीछे के कारण।

Key Takeaways

  • अमेरिकी एयरस्ट्राइक ने नाइजीरिया में ईसाई समुदाय की सुरक्षा को ध्यान में रखा है।
  • यह पहली बार है जब अमेरिका ने नाइजीरिया में सैन्य हस्तक्षेप किया है।
  • पूर्व राजदूत महेश सचदेवा के अनुसार, इससे ईसाई-विरोधी तनाव बढ़ने की संभावना है।
  • नाइजीरिया के बोको हरम और आईएसआईएस से सुरक्षा की आवश्यकता है।
  • अमेरिका की कार्यवाही को स्थानीय स्तर पर समर्थन मिल सकता है।

नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका ने क्रिसमस के अवसर पर उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया में आईएसआईएस के आतंकवादियों पर हमला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस घटना की जानकारी दी और नाइजीरिया की सरकार ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति में इस हमले की पुष्टि की है। अमेरिका के नाइजीरिया पर किए गए इस हमले को लेकर पूर्व राजदूत महेश सचदेवा ने राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत की।

पूर्व राजदूत महेश सचदेवा ने कहा, "अमेरिकी मिसाइल हमले का नाइजीरिया की सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस पर चर्चा हो सकती है, और इससे ईसाई-विरोधी तनाव और भी बढ़ सकता है। अधिकतर हिंसा बोको हरम और आईएसआईएस सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाकर करते हैं, और आम लोग अक्सर गोलीबारी में फंस जाते हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "केंद्रीय नाइजीरिया में झगड़े धर्म के बजाय, माइग्रेट करने वाले फुलानी समूह और ईसाई गांवों के बीच चरवाहे की जमीन से भी होते हैं। देश में, अमेरिका की कार्रवाई उसके ज्यादातर ईसाई एमएजीए बेस को पसंद आ सकती है, और इसे अफ्रीका के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में ईसाइयों की सुरक्षा के तौर पर दिखाया जा सकता है।"

पूर्व डिप्लोमैट महेश सचदेवा ने कहा, "नाइजीरिया में पूर्व हाई कमिश्नर के रूप में, मैं इस महत्वपूर्ण विकास पर ध्यान देता हूं। यह पहली बार है जब अमेरिका ने नाइजीरिया की सुरक्षा में सैन्य हस्तक्षेप किया है, और उत्तर-पश्चिमी नाइजीरिया के सोकोटो में आईएसआईएस के ठिकाने को निशाना बनाने के लिए नाइजीरियाई इलाके के ऊपर लंबी दूरी की मिसाइलें छोड़ी हैं। क्रिसमस के दिन की गई इस कार्रवाई से आईएसआईएस को स्पष्ट संदेश जाता है कि अमेरिका ईसाइयों को हमलों से बचाने के लिए हस्तक्षेप करेगा।"

नाइजीरिया में लगातार ईसाइयों पर हो रहे हमलों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले ही चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर ये नहीं रुकते हैं, तो अमेरिका हमला करेगा।

ट्रंप ने गुरुवार को अपने ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा, "आज रात, कमांडर इन चीफ के रूप में दिए गए मेरे निर्देश पर अमेरिका ने उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया में आईएसआईएस आतंकवादियों के खिलाफ एक शक्तिशाली और घातक हमला किया। आतंकवादियों ने मुख्य रूप से निर्दोष ईसाइयों को निशाना बनाया और बेरहमी से मारा, जो कई सालों और सदियों में नहीं देखा गया था। मैंने पहले ही इन आतंकवादियों को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने ईसाइयों का नरसंहार बंद नहीं किया तो उन्हें इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा और आज रात ऐसा ही हुआ।"

अमेरिकी सेना की अफ्रीका कमांड (एएफआरआईसीओएम) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि हवाई हमला नाइजीरियाई अधिकारियों के अनुरोध पर किया गया था। इसमें 'कई आतंकवादी' मारे गए। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने लिखा, "मैं नाइजीरियाई सरकार के समर्थन और सहयोग के लिए आभारी हूं।"

Point of View

यह आवश्यक है कि हम स्थिति को संतुलित दृष्टिकोण से देखें। इस घटना का न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

अमेरिका ने नाइजीरिया में क्यों हमला किया?
अमेरिका ने क्रिसमस पर आईएसआईएस आतंकवादियों पर हमला किया, ताकि ईसाई समुदाय को सुरक्षा प्रदान की जा सके।
महेश सचदेवा ने इस हमले के बारे में क्या कहा?
महेश सचदेवा ने कहा कि यह अमेरिका की पहली सैन्य कार्रवाई है और इससे ईसाई-विरोधी तनाव बढ़ सकता है।
क्या नाइजीरिया में ईसाइयों की स्थिति गंभीर है?
जी हां, नाइजीरिया में ईसाइयों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा है।
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