क्या बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई में 12 लोग मारे गए?
सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तानी सेना का ऑपरेशन बलूचिस्तान में जारी है।
- 12 लोग सुरक्षा ऑपरेशन में मारे गए।
- बीएलए और सेना के बीच झड़पें हो रही हैं।
- हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए हैं।
- सुरक्षा स्थिति गंभीर बनी हुई है।
इस्लामाबाद, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बलूचिस्तान में हर दिन लोगों की हत्या की घटनाएँ सामने आ रही हैं। इसी बीच, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना का अभियान भी लगातार जारी है। पाकिस्तान सेना ने रविवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में एक सुरक्षा ऑपरेशन के दौरान 12 लोग मारे गए। बलूचिस्तान में बीएलए और पाकिस्तानी सेना के बीच झड़प की खबरें भी आई हैं।
सिन्हुआ के अनुसार, पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने बताया कि सुरक्षा बलों ने कलात जिले में एक इंटेलिजेंस-बेस्ड ऑपरेशन चलाया था। मारे गए लोग इलाके में कई आतंकी हमलों में सक्रिय रूप से शामिल थे।
पाकिस्तानी सेना ने यह भी कहा कि मौके से बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किए गए। आईएसपीआर ने कहा कि घटना के बाद, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आसपास कोई और आतंकवादी न बचा हो, एक क्लीयरेंस ऑपरेशन चलाया गया।
सेना ने कहा कि सुरक्षा बल पाकिस्तान में शांति के लिए खतरा पैदा करने की कोशिशों को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इससे पहले, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने दावा किया था कि बीएलए ने कई इलाकों में पाकिस्तानी सेना पर हमला किया।
बीएलए ने मस्तुंग, तुर्बत, कोहलू और चामलांग समेत कई इलाकों में पाकिस्तानी सेना पर हमले करने का दावा किया और कहा कि बलूचिस्तान में उसने 'शोषण करने वाली कंपनियों के सुरक्षाकर्मियों को पकड़कर उनके हथियार जब्त कर लिए।'
बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने कहा कि लड़ाकों ने 1 दिसंबर को मस्तुंग के दश्त इलाके में जालो गंडन में रेलवे ट्रैक साफ करने के दौरान पाकिस्तानी सेना के जवानों पर हमला किया। हमले के दौरान दो पाकिस्तानी जवान मौके पर ही मारे गए और एक अन्य घायल हो गया। घायल जवान भागने में सफल रहा।
बीएलए के लड़ाकों ने उसी दिन तुर्बत में पार्क होटल के पास पाकिस्तानी सेना के एक चेकपोस्ट पर ग्रेनेड से हमला किया। इसमें कई लोग मारे गए और संपत्ति को भी काफी नुकसान हुआ।
बीएलए के बयान में कहा गया, "बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने कोहलू के सिंहारी इलाके में एक शोषणकारी गैस कंपनी के एक सुरक्षा कैंप पर हमला किया। वहां मौजूद प्राइवेट सुरक्षा कर्मियों को पकड़ लिया गया और उनके हथियार जब्त कर लिए गए। कंपनी के स्थानीय कर्मियों को कड़ी चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।"