क्या चुनावों में देरी से बांग्लादेश गंभीर संकट में पड़ सकता है?

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क्या चुनावों में देरी से बांग्लादेश गंभीर संकट में पड़ सकता है?

सारांश

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने चेतावनी दी है कि चुनावों में देरी से देश की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा सकता है। पार्टी के नेताओं ने तत्काल चुनाव कराने की आवश्यकता पर जोर दिया है। जानिए बीएनपी के ताजा बयानों और बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति के बारे में।

Key Takeaways

  • चुनावों में देरी से बांग्लादेश की सुरक्षा में खतरा।
  • बीएनपी ने तत्काल चुनाव की मांग की।
  • अंतरिम सरकार को कानून-व्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहराया गया।
  • जुलाई चार्टर पर बीएनपी की आपत्ति।
  • आतंकवाद की समस्या का समाधान चुनावों के जरिए।

ढाका, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने पिछले एक वर्ष में भीड़ हिंसा, जबरन वसूली, भूमि अतिक्रमण, और आतंकवाद में बढ़ोतरी का उल्लेख करते हुए चेतावनी दी है कि यदि राष्ट्रीय चुनाव में कोई भी देरी होती है, तो देश गंभीर संकट में पड़ सकता है।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, पार्टी ने बिगड़ती कानून-व्यवस्था के लिए मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

बीएनपी के उपाध्यक्ष शम्सुज्जमां दुदु ने ढाका के नेशनल प्रेस क्लब में आयोजित एक परिचर्चा में कहा कि बिगड़ती स्थिति, भीड़-भाड़, जबरन वसूली, कब्ज़ा और आतंकवाद को रोकने के लिए निर्वाचित सरकार की आवश्यकता है। यह कार्यक्रम मंगलवार को तोफज्जल हुसैन माणिक मिया हॉल में हुआ।

बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक जुगंटोर ने बीएनपी नेता के हवाले से कहा, "कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, अराजकता, जबरन वसूली, कब्जा और आतंकवाद से निजात पाने के लिए चुनाव जितनी जल्दी होंगे, संकट उतना ही कम होगा। अगर चुनाव में देरी होती है, तो आतंकवाद बढ़ेगा और देश खतरे में होगा।"

उन्होंने आगे कहा, "सत्ता में बैठे लोगों ने हमें ऐतिहासिक चुनाव कराने का आश्वासन दिया है, जिसके कारण पार्टी, उसके नेता, तारिक रहमान, खालिदा जिया और देशवासी सरकार का समर्थन कर रहे हैं। हमारी, बीएनपी और सभी राजनीतिक दलों की ओर से दिसंबर में चुनाव कराने की मांग थी, लेकिन उन्होंने कहा कि फरवरी में चुनाव हो सकते हैं। हमने इससे इनकार नहीं किया, लेकिन फरवरी को मार्च नहीं बनना चाहिए, फरवरी को अप्रैल नहीं बनना चाहिए। सरकार को यह याद रखना चाहिए।"

बीएनपी ने जुलाई चार्टर के मसौदे के कई प्रावधानों पर भी आपत्ति जताई है, यह कहते हुए कि यदि किसी राजनीतिक समझौते को संविधान पर प्राथमिकता दी जाती है, तो यह गलत मिसाल कायम करेगा।

बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद ने कहा कि जुलाई समझौते को बांग्लादेश के संविधान के अनुरूप लागू किया जाना चाहिए।

ढाका में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "यदि समझौते को संविधान से ऊपर रखा जाता है, तो यह एक गलत मिसाल होगी।"

पिछले साल हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिराए जाने के बाद से बांग्लादेश अगले आम चुनावों को लेकर अनिश्चितता का सामना कर रहा है।

हसीना को हटाने के लिए यूनुस के साथ सहयोग करने वाली पार्टियां अब सुधार प्रस्तावों और अगले चुनावों की समयसीमा को लेकर आपस में भिड़ गई हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति अत्यंत संवेदनशील है। बीएनपी के नेता जो चेतावनी दे रहे हैं, वह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि समय पर चुनाव कितने महत्वपूर्ण हैं। देश की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि राजनीतिक दल एक-दूसरे के साथ मिलकर समस्याओं का समाधान करें। हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष समय पर चुनाव कराने में सहमत होंगे।
NationPress
20/08/2025

Frequently Asked Questions

बीएनपी ने चुनावों में देरी पर क्या कहा?
बीएनपी ने चेतावनी दी है कि चुनावों में देरी से देश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर खतरा मंडरा सकता है।
बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति क्या है?
बांग्लादेश चुनावों की अनिश्चितता का सामना कर रहा है, जिसके चलते अवामी लीग और बीएनपी के बीच टकराव हो रहा है।
किसने कानून-व्यवस्था की स्थिति को जिम्मेदार ठहराया?
बीएनपी ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को बिगड़ती कानून-व्यवस्था का जिम्मेदार ठहराया है।
क्या चुनाव समय पर होंगे?
बीएनपी ने कहा है कि यदि चुनाव समय पर नहीं होते हैं, तो इससे आतंकवाद बढ़ सकता है।
जुलाई चार्टर पर बीएनपी की क्या राय है?
बीएनपी ने जुलाई चार्टर के कई प्रावधानों पर आपत्ति जताई है और इसे संविधान के अनुरूप लागू करने की मांग की है।