क्या बांग्लादेश में वित्त सलाहकार को भत्ते की मांग को लेकर बंधक बनाया गया?
सारांश
Key Takeaways
- वित्त सलाहकार को बंधक बनाने की घटना असंतोष को दर्शाती है।
- कर्मचारियों की मुख्य मांग 20 प्रतिशत भत्ता है।
- सरकार को कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए।
ढाका, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के वित्त सलाहकार डॉ. सालेहुद्दीन अहमद को बुधवार को उनके कार्यालय में बंधक बना लिया गया। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को नजरअंदाज किए जाने के विरोध में उन्हें बंद कर दिया।
सचिवालय की चौथी मंजिल पर प्रदर्शन करते हुए कर्मचारियों ने सलाहकार के कार्यालय के बाहर नाकाबंदी कर दी। कर्मचारी लंबे समय से 20 प्रतिशत भत्ते की मांग कर रहे हैं। यह घटना अंतरिम सरकार के गठन के बाद कर्मचारियों के बढ़ते असंतोष को दर्शाती है। बांग्लादेश के अखबार ढाका ट्रिब्यून ने इसे रिपोर्ट किया।
बांग्लादेश सचिवालय अधिकारी एवं कर्मचारी संयुक्त परिषद के एक गुट के अध्यक्ष बदीउल कबीर ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने ढाका ट्रिब्यून से कहा, "हम तब तक नहीं हटेंगे जब तक सरकार गजट अधिसूचना जारी नहीं करती।" परिषद के महासचिव निजाम उद्दीन अहमद ने सलाहकार को ज्ञापन सौंपा था।
कर्मचारी परिषद ने 3 दिसंबर को चेतावनी दी थी कि अगर दिसंबर तक पे कमीशन की अधिसूचना नहीं आई तो 10 जनवरी से कड़ा आंदोलन शुरू होगा।
बांग्लादेश के मीडिया आउटलेट बीडी न्यूज 24 की रिपोर्ट के अनुसार, परिषद के प्रधान सचिव निजामुद्दीन अहमद ने वित्तीय सलाहकार को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें कर्मचारियों ने यह चेतावनी दी।
ज्ञापन के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों को मौजूदा अंतरिम सरकार द्वारा बनाए गए नेशनल पे कमीशन-2025 से बहुत उम्मीदें थीं।
फरवरी 2025 में वित्त सचिव के साथ हुई बैठक में भी ये मांगें उठी थीं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बांग्लादेश में सरकारी कर्मचारियों की संख्या करीब 15 लाख है, और महंगाई (मुद्रास्फीति 9-10 फीसदी) के कारण भत्तों की मांग तेज हो गई है। यह घटना सरकारी सेवाओं में भ्रष्टाचार और उत्पीड़न की शिकायतों के बीच आई है, जहां सलाहकार ने पहले ही इन मुद्दों पर चिंता जताई थी।
संगठनों की तीन मुख्य मांगें हैं। वे 9वां पे स्केल लागू कराना चाहते हैं, इसके अलावा सचिवालय भत्ता और सचिवालय राशन भत्ता शुरू कराने पर भी अड़े हैं।