क्या बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या एक और काले अध्याय की शुरुआत है?

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क्या बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या एक और काले अध्याय की शुरुआत है?

सारांश

कनाडाई सांसद शुभ मजूमदार ने बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। यह घटना धार्मिक कट्टरपंथ और अल्पसंख्यक हिंसा के बढ़ते मामलों को उजागर करती है। क्या यह बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमलों का संकेत है?

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाएं।
  • शुभ मजूमदार ने इस पर कड़ी आलोचना की।
  • धार्मिक कट्टरपंथ के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता।

ओटावा, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कनाडा में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर कनाडाई कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद शुभ मजूमदार ने तीखी आलोचना की है। हाल ही में बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बर्बरता से हत्या की गई है। इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि दक्षिण एशियाई देशों में नफरत और कट्टरपंथ की ताकतें नियंत्रण से बाहर हो रही हैं।

सांसद शुभ मजूमदार ने सोशल मीडिया पर लिखा, "बांग्लादेश में एक और काला अध्याय उजागर हो रहा है, जो पीढ़ियों से चले आ रहे दर्द को उजागर करता है। दीपू चंद्र दास की हत्या, जो एक युवा हिंदू फैक्ट्री कार्यकर्ता थे, भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई। उनके शव का अपमान किया गया और पेड़ से लटकाकर आग लगा दी गई। यह सब हमें याद दिलाता है कि नफरत और कट्टरपंथ की ताकतों को अभी भी काबू में नहीं किया गया है।"

उन्होंने कहा, "मैमनसिंह में यह घातक घटना पचास साल पहले की अराजकता और अत्याचार की याद दिलाती है।" कनाडाई सांसद ने बताया कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक, जैसे बंगाली हिंदू, ईसाई, बौद्ध और अन्य, अब भी लक्षित हिंसा का शिकार हो रहे हैं, जो पिछले नरसंहारों की याद दिलाती है।

इस दौरान, उन्होंने बांग्लादेश में अगस्त 2024 के बाद की राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान हजारों घटनाओं की रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिसमें घरों, व्यापार, मंदिरों और पूजा स्थलों पर हमले, हत्याएं, यौन हमले, अपहरण और जबरन बेघर करने की घटनाएं शामिल हैं।

मजूमदार ने कहा कि भले ही मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने कुछ लोगों के कार्यों की निंदा की है और गिरफ्तारियों की घोषणा की है, फिर भी अत्याचार का यह सिलसिला जारी है। बांग्लादेश में स्थायी और स्थिर सरकार की कमी कट्टरपंथियों को बढ़ावा दे रही है।

उन्होंने हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों समेत सभी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे कत्लेआम को तुरंत रोकने और यूनुस सरकार से जिम्मेदारी तय करने की अपील की। उन्होंने कहा, "हमें मानवाधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता और जवाबदेही के लिए लगातार आवाज उठानी चाहिए, चाहे इससे उन लोगों को कितनी भी परेशानी क्यों न हो, जो राजनीतिक बदलाव की आड़ में चरमपंथ को उचित ठहराते हैं।"

इस घटना की निंदा करते हुए, न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली की सदस्य जेनिफर राजकुमार ने भी देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर हो रही हिंसा और अत्याचार के एक परेशान करने वाले पैटर्न की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि वह बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ चल रही हिंसा से बहुत चिंतित हैं। जेनिफर राजकुमार ने दास की हत्या को सबसे हालिया और क्रूर उदाहरण बताया।

राजकुमार ने कहा, "दीपू चंद्र दास की भयानक हत्या बांग्लादेश में हिंदुओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के एक परेशान करने वाले पैटर्न को दर्शाती है। हमें मानवाधिकार, न्याय और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए एकजुट होना चाहिए।"

Point of View

बल्कि समस्त मानवता के लिए चिंता का विषय हैं। हमें एकजुट होकर इस नफरत और हिंसा के खिलाफ खड़ा होना होगा।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की हत्या कब हुई?
दीपू चंद्र दास की हत्या 23 दिसंबर को हुई थी।
कनाडाई सांसद शुभ मजूमदार ने इस पर क्या कहा?
उन्होंने इस घटना को बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरपंथ की बढ़ती ताकतों का संकेत बताया।
क्या बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं?
हालात यह दर्शाते हैं कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक अभी भी लक्षित हिंसा का सामना कर रहे हैं।
इस घटना की अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया क्या है?
कनाडाई सांसद और अन्य ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और मानवाधिकारों के लिए आवाज उठाने की आवश्यकता जताई है।
क्या इस तरह की हिंसा बढ़ रही है?
हां, बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामलों में वृद्धि हो रही है।
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