क्या बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ आज फैसला होगा?
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में शेख हसीना के मामले का फैसला आज होगा।
- सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है।
- हसीना की सरकार पर गंभीर आरोप लगे हैं।
- बांग्लादेश में स्थिति तनावपूर्ण है।
- फैसले का असर राजनीति पर पड़ेगा।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल बांग्लादेश (आईसीटीबीडी) शेख हसीना के मामले में फैसला सुनाने जा रहा है। इस फैसले को लेकर बांग्लादेश में स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है, जिसके मद्देनजर शूट एट साइट का आदेश दिया गया है।
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) के आयुक्त शेख मोहम्मद सज्जात अली ने रविवार शाम को आईसीटी के फैसले से पहले आगजनी, कॉकटेल विस्फोट या पुलिस और नागरिकों को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करने वालों को 'देखते ही गोली मारने' का आदेश जारी किया, जिसके बाद ढाका में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है।
हसीना की अवामी लीग द्वारा 16-17 नवंबर को आयोजित दो दिवसीय हड़ताल के दौरान राजधानी में कॉकटेल विस्फोटों और आगजनी की घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखी गई है।
यह ध्यान देने योग्य है कि हसीना की तत्कालीन सरकार पर हत्या, अपराध रोकने में नाकामी और मानवता के खिलाफ अपराध सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं।
बांग्लादेश के अभियोजन पक्ष ने यदि शेख हसीना को दोषी पाया गया, तो उनके लिए मृत्युदंड की मांग की है। यह निर्णय उनकी गैरहाजिरी में दिया जाएगा। अदालत ने इस साल 10 जुलाई को हसीना के खिलाफ सभी आरोप तय किए थे।
जिस दिन अदालत ने फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की थी, उस दिन बांग्लादेश के कई हिस्सों में आगजनी और प्रदर्शन हुए थे। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुबह से ही कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
पुलिस और रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) सहित कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कई टीमें शहर के प्रमुख स्थानों पर गश्त कर रही हैं। हाईकोर्ट गेट से लेकर डोयल छत्तर तक सड़क पर सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है।
इसके अलावा, कानून प्रवर्तक हाई कोर्ट और ट्रिब्यूनल परिसर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की गहन जांच कर रहे हैं। अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने मीडिया को बताया कि कोर्ट सुबह 11 बजे अपनी कार्यवाही शुरू करेगा।
जानकारी के अनुसार, शेख हसीना की सरकार जुलाई 2024 में गैर-लोकतांत्रिक तरीके से गिर गई थी। इसके बाद हसीना बांग्लादेश छोड़कर चली गईं। उनके खिलाफ हत्या और साजिश के कई आरोप लगाए गए हैं।
जुलाई 2024 में बांग्लादेश में छात्र आंदोलन तीव्र हो गया, जिसने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया। इसी छात्र आंदोलन के चलते हसीना की सरकार का पतन हुआ। इसके बाद अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं।
इसके बाद बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का गठन हुआ। वहीं यूएन की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में हुई हिंसा में लगभग 1,400 लोगों की जान गई।