क्या बांग्लादेश में छात्र सोहाग की हत्या ने ढाका में जन-आक्रोश को भड़काया?

सारांश
Key Takeaways
- सोहाग की हत्या ने ढाका में जन-आक्रोश को जन्म दिया है।
- बीएनपी कार्यकर्ताओं पर जबरन वसूली के आरोप हैं।
- छात्रों में गुस्सा और न्याय की मांग बढ़ रही है।
- सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ है।
- पिछले 10 महीनों में 100 हत्याओं का आरोप बीएनपी पर है।
ढाका, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में छात्र और स्क्रैप का काम करने वाले लाल चंद उर्फ सोहाग की हत्या के बाद जनाक्रोश भड़क उठा है। दो दिन पहले ढाका में उसकी हत्या हुई थी। न्याय की मांग करते हुए ढाका में लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
सोहाग की हत्या ढाका में सर सलीमुल्लाह मेडिकल कॉलेज (मिटफोर्ड) अस्पताल के बाहर दिनदहाड़े हुई थी। बताया जा रहा है कि बुधवार शाम करीब 6 बजे अस्पताल के तीसरे गेट के पास कई लोगों ने मिलकर लोहे और सीमेंट के टुकड़ों से सोहाग पर हमला किया। ईंटों-पत्थरों से उसका सिर कुचल दिया गया। इसके बाद हमलावरों ने उसके बेजान शरीर को सड़क पर घसीटा, जहां सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में उन्होंने अपनी क्रूरता जारी रखी।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जबरन वसूली हत्या की मुख्य वजह बताई जा रही है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की युवा शाखा, जुबो दल के सदस्यों पर इस लिंचिंग में शामिल होने और जबरन वसूली के विवाद में हमला करने का आरोप है।
सोहाग के साथ हुई क्रूरता का वीडियो सीसीटीवी में कैद हुआ था। बाद में यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी।
इस हत्याकांड के बाद ढाका के प्रमुख विश्वविद्यालयों के छात्रों में गुस्सा है। ढाका यूनिवर्सिटी (डीयू), बांग्लादेश इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी (बीयूईटी), जहाँगीर नगर यूनिवर्सिटी, और राजशाही यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया।
बांग्लादेश स्टूडेंट्स राइट्स काउंसिल के अध्यक्ष बिन यामिन ने 'ढाका ट्रिब्यून' से कहा, "सोहाग की हत्या के खिलाफ हम उसी तरह सड़कों पर हैं, जैसे पहले अवामी लीग के समय में हुआ करते थे। बीएनपी अपने कार्यकर्ताओं को संभाल नहीं पा रही है। जो कभी खुद पीड़ित थे, वही अब उत्पीड़क बन गए हैं।"
डीयू के छात्र एबी जुबैर ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की और बीएनपी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया कि वे देश को अपराधियों का अड्डा बना रहे हैं। उन्होंने कहा, "बीएनपी नेता और कार्यकर्ता देशभर में जबरन वसूली, बलात्कार और हत्या की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।"
प्रदर्शनकारियों ने यह भी दावा किया कि पिछले दस महीनों में लगभग 100 हत्याओं के लिए बीएनपी जिम्मेदार है। उन्होंने मांग की कि प्रत्येक मौत की जांच की जाए और न्याय सुनिश्चित किया जाए।