क्या बांग्लादेश में छात्र समूहों ने 'जुलाई डेक्लेरेशन' का बहिष्कार किया?

सारांश
Key Takeaways
- छात्र संगठनों का बहिष्कार सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है।
- इस घटना से राजनीतिक माहौल में उथल-पुथल बढ़ सकती है।
- संवाद की कमी लोकतंत्र के लिए खतरा है।
ढाका, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने मंगलवार को ‘जुलाई डेक्लेरेशन’ का आयोजन किया है। इस दौरान, उन छात्र संगठनों ने इस समारोह का बहिष्कार किया, जिन्होंने शेख हसीना सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाया था। इन संगठनों का कहना है कि उनका साहस एक साल से कम समय में बेकार हो गया है, क्योंकि उन्हें इस समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया।
मुख्य सलाहकार के प्रेस विंग ने बताया कि यह कार्यक्रम मंगलवार को ढाका के माणिक मिया एवेन्यू में प्रस्तावित है। इसमें चार्टर को पिछले साल जुलाई में हुए प्रदर्शनों में शामिल सभी पक्षों की मौजूदगी में पेश किया जाएगा।
‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ (एसएडी) के समन्वयक और नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ संयुक्त मुख्य समन्वयक अब्दुल हन्नान मसूद ने सोशल मीडिया पर घोषणा की है कि वे इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे।
मसूद ने फेसबुक पर लिखा, "मैंने सुना है कि इस सरकार ने जुलाई विद्रोह के वैध समूह के 158 समन्वयकों और सह-समन्वयकों को आमंत्रित नहीं किया है। शायद कुछ लोगों को बुलाया गया, लेकिन 158 लोगों के लिए कोई स्थान नहीं रखा गया।"
उन्होंने आगे कहा, "जिनकी हिम्मत और नेतृत्व से यह तख्तापलट हुआ और यह सरकार बनी, वे एक साल से भी कम समय में बेकार हो गए हैं। यदि मेरे साथी, जो हसीना को हटाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें वह सम्मान नहीं मिलता जिसके वे हकदार हैं, तो मैं व्यक्तिगत रूप से कल होने वाले जुलाई घोषणा कार्यक्रम का बहिष्कार करूंगा।"
छात्र संघ के महासचिव सैकत आरिफ ने भी इस कार्यक्रम में शामिल न होने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बांग्लादेशी अखबार जुगांतर ने सैकत आरिफ के हवाले से कहा, "सरकार ने छात्र संगठनों के साथ जुलाई घोषणापत्र पर चर्चा नहीं की है। पिछले एक साल में उसने कोई बैठक भी नहीं की। इसके बजाय, उसने भेदभाव-विरोधी कार्यकर्ताओं के एक विशेष समूह को तख्तापलट का नेतृत्वकर्ता बता कर बाकी छात्र संगठनों के साथ अन्याय किया है। इससे अंतरिम सरकार की निष्पक्षता कमजोर हुई है, इसलिए हम उस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे।"