क्या यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में हिंसा बढ़ रही है?
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं।
- महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों में वृद्धि हुई है।
- एचआरएसएस की रिपोर्ट में गंभीर आंकड़े शामिल हैं।
- यूनुस की सरकार ने मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार नहीं किया है।
- अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले बढ़े हैं।
ढाका, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में चुनावी माहौल गरमाने लगा है। इस हफ्ते किसी भी समय चुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकती है। इस बीच हिंसा की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं।
ढाका की मानवाधिकार सहायता समाज ह्यूमन राइट्स सपोर्ट सोसाइटी (एचआरएसएस) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल नवंबर तक बांग्लादेश में भीड़ की हिंसा की 276 घटनाएं दर्ज की गई हैं।
इन घटनाओं में कम से कम 156 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 242 लोग घायल हुए हैं। यह दर्शाता है कि हर महीने औसतन लगभग 14 मौतें हुईं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 1,909 महिलाओं और लड़कियों के साथ यौन हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं।
इनमें से दुष्कर्म के 789 मामलों की जानकारी मिली है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन पीड़ितों में से आधे से ज्यादा की उम्र 18 साल से कम थी। मंगलवार को जारी एचआरएसएस की 'मानवाधिकार अवलोकन रिपोर्ट 2025' में इस साल जनवरी से नवंबर के बीच कानून-व्यवस्था और मानवाधिकारों की स्थिति का आकलन किया गया है।
बांग्लादेशी समाचार पत्र द डेली स्टार के अनुसार, इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 15 राष्ट्रीय अखबारों में प्रकाशित खबरों और संगठन के अपने आंकड़ों का उपयोग किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त 2024 में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से, मानवाधिकार और कानून-व्यवस्था की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है और यह अब तक गंभीर बनी हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा, भीड़ द्वारा हत्या, महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और पत्रकारों पर हमलों में वृद्धि देखी गई है। वहीं, पुलिस के साथ टकराव या हिरासत में टॉर्चर से कम से कम 31 लोगों की जान गई है। देश भर की जेलों में 80 अन्य कैदियों की भी मृत्यु हुई है।
राजनीतिक हिंसा की 852 घटनाएं हुईं, जिनमें से 474 बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगी संगठनों के भीतर के झगड़ों के कारण हुईं। इन झगड़ों में 80 लोगों की जान गई। इसके अलावा 4,577 लोग घायल हुए हैं।
दूसरी ओर, बीएनपी और जमात के बीच 55 अन्य झड़पों में दो लोगों की जान गई और 503 अन्य घायल हुए। रिपोर्ट में पत्रकारों पर हमले के 293 मामले भी सामने आए हैं, जिनमें दो मारे गए, 256 घायल हुए, 47 को परेशान किया गया, 74 को धमकाया गया और 14 को गिरफ्तार किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, मार्च की शुरुआत में, ढाका में एक महिला पत्रकार के साथ रिपोर्टिंग के दौरान सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इसके अलावा, 105 पत्रकारों पर 31 मामले दर्ज किए गए, जिनमें देश के साइबर सुरक्षा अधिनियम 2023 के तहत दर्ज पांच मामले शामिल हैं, जिसमें एक को गिरफ्तार किया गया।
इसके अलावा, अल्पसंख्यक समुदायों पर कम से कम 24 हमले दर्ज किए गए, जिनमें से 15 लोग घायल हुए और बांग्लादेश में पांच मंदिर, 37 मूर्तियां और 38 घर तोड़ दिए गए। 50 से ज्यादा धार्मिक स्थलों पर इसी तरह का हमला, तोड़फोड़ या लूटपाट की गई।
—राष्ट्र प्रेस
केके/एबीएम