क्या भारत और सऊदी अरब के बीच रसायन और उर्वरक क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए?

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क्या भारत और सऊदी अरब के बीच रसायन और उर्वरक क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए?

सारांश

भारत और सऊदी अरब के बीच रसायन एवं उर्वरक क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए हाल में हुए उच्च-स्तरीय वार्ता पर चर्चा की गई है। इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो भविष्य में सहयोग को बढ़ावा देने में सहायक होंगे।

Key Takeaways

  • भारत और सऊदी अरब के बीच रसायन एवं उर्वरक क्षेत्र में सहयोग बढ़ रहा है।
  • उर्वरक की आपूर्ति के लिए दीर्घकालिक समझौते किए गए हैं।
  • कृषि उत्पादकता में सुधार के लिए अनुसंधान पर जोर दिया गया है।
  • दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाया जाएगा।
  • यह साझेदारी खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करेगी।

नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत और सऊदी अरब के बीच रसायन एवं उर्वरक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा की दम्मम और रियाद यात्रा पर जोर दिया गया। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में प्रकाशित की गई।

इस दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री नड्डा ने एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने रियाद में सऊदी अरब के उद्योग एवं खनिज संसाधन मंत्री बंदर बिन इब्राहिम अल खोरायफ के साथ उर्वरक, पेट्रोरसायन और दवा क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस दौरे के दौरान माडेन और भारतीय कंपनियों (आईपीएल, कृभको और सीआईएल) के बीच दीर्घकालिक समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिसमें 2025-26 से पांच वर्षों के लिए प्रति वर्ष 3.1 मिलियन मीट्रिक टन डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक की आपूर्ति की जाएगी, जिसे आपसी सहमति से पांच साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है।

वर्ष 2024-25 में भारत द्वारा सऊदी अरब से डीएपी उर्वरक का आयात 1.9 मिलियन मीट्रिक टन था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान आयातित 1.6 मिलियन मीट्रिक टन से लगभग 17 प्रतिशत अधिक है।

दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को विस्तारित करने और इसमें यूरिया तथा डीएपी जैसे अन्य प्रमुख उर्वरकों को शामिल करने की अपनी प्रतिबद्धता पर बल दिया, जिसका उद्देश्य भारत की उर्वरक सुरक्षा को और सुनिश्चित करना है।

मंत्रालय के अनुसार, आपसी निवेश को सुगम बनाने पर भी चर्चा हुई, जिसमें सऊदी उर्वरक क्षेत्र में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के लिए निवेश के अवसरों की खोज और पारस्परिक रूप से भारत में सऊदी निवेश पर ध्यान केंद्रित किया गया।

इसके अतिरिक्त नेताओं ने कृषि उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से भारत-विशिष्ट अनुकूलित और वैकल्पिक उर्वरकों के विकास में सहयोगात्मक अनुसंधान के अवसरों पर भी बातचीत की।

केंद्रीय मंत्री नड्डा ने रियाद में सऊदी स्वास्थ्य उप मंत्री अब्दुलअजीज अल-रुमैह से भी मुलाकात की।

दोनों के बीच चिकित्सा क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवाओं, फार्मास्यूटिकल्स, डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों और ज्ञान के आदान-प्रदान में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई।

Point of View

बल्कि यह दोनों देशों के बीच संबंधों को भी मजबूत करेगा। यह साझेदारी भारत की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत और सऊदी अरब का रसायन क्षेत्र में सहयोग क्यों महत्वपूर्ण है?
यह सहयोग भारत की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने और सऊदी अरब के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा।
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य रसायन और उर्वरक क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाना था।