क्या दित्वाह तूफान के दौरान श्रीलंका के साथ खड़े होने पर भारत को गर्व है?

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क्या दित्वाह तूफान के दौरान श्रीलंका के साथ खड़े होने पर भारत को गर्व है?

सारांश

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की श्रीलंका यात्रा दित्वाह तूफान के बाद की सहायता को दर्शाती है। यह ऑपरेशन सागर बंधु के तहत श्रीलंका के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। जानिए इस महत्वपूर्ण मुलाकात के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत ने श्रीलंका के साथ संकट में सहयोग किया है।
  • ऑपरेशन सागर बंधु के तहत राहत सामग्री भेजी गई।
  • विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति को दर्शाती है।
  • श्रीलंका में राहत कार्य निरंतर जारी हैं।
  • दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं।

कोलंबो, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आज श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात करेंगे। यह बैठक तूफान दित्वाह से श्रीलंका में हुए विनाश के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए 'ऑपरेशन सागर बंधु' के संदर्भ में होगी।

एस जयशंकर ने इस तूफान से हुई तबाही और ऑपरेशन सागर बंधु के तहत भारत द्वारा दी जा रही मदद का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया है।

वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा, "आज सुबह राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मिलने की उम्मीद है। भारत को तूफान दित्वाह के समय श्रीलंका के साथ खड़े रहने और उसके समर्थन पर गर्व है।"

विदेश मंत्री सोमवार को कोलंबो पहुंचे, जहां श्रीलंका के उप पर्यटन मंत्री रुवान रणसिंघे ने उनका स्वागत किया।

विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था कि जयशंकर की यह यात्रा भारत की 'पड़ोसी पहले' की नीति को दर्शाती है और तूफान दित्वाह से हुई तबाही से निपटने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन सागर बंधु के संदर्भ में हो रही है।

भारत ने 28 नवंबर को ऑपरेशन सागर बंधु की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य तूफान दित्वाह के तुरंत बाद श्रीलंका को मानवीय सहायता और आपदा राहत मुहैया कराना था।

इससे पहले, भारत ने बाढ़ से प्रभावित श्रीलंका के विभिन्न क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजी थी। 18 दिसंबर को, श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा ने कोलंबो के कोलोन्नावा क्षेत्र और वट्टाला में भक्तिवेदांत चिल्ड्रन्स होम 'गोकुलम' का दौरा किया। इन इलाकों में तूफान के कारण भारी नुकसान हुआ था।

श्रीलंका की मदद के लिए उच्चायुक्त ने ऑल सीलोन सूफी स्पिरिचुअल एसोसिएशन के साथ मिलकर कोलोन्नावा में परिवारों और कोलंबो के इस्कॉन मंदिर में 'गोकुलम' के बच्चों के बीच हेल्प किट बांटी।

इससे पहले, 14 दिसंबर को, भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान श्रीलंका पहुंचा। इसके माध्यम से 10 टन दवाइयां और 15 टन सूखा राशन श्रीलंका के लोगों के लिए भेजा गया। इसके अलावा, भारतीय सेना ने जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और टूट चुके संचार संपर्क को बहाल करने का कार्य किया।

अतिरिक्त, सड़कों और पुलों पर जो बाधाएं आई थीं, उन्हें भी ठीक किया गया। श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा, "जरूरी सड़क संपर्क को ठीक करने का कार्य निरंतर चल रहा है। चिलाव और किलिनोच्ची में पुल स्थलों पर तैयारियां चल रही हैं, और खराब किलिनोच्ची पुल को पूरी तरह साफ किया गया है, जिससे क्षेत्र में आवागमन सुगम हो सकेगा।"

Point of View

NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत का ऑपरेशन सागर बंधु क्या है?
ऑपरेशन सागर बंधु एक मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यक्रम है, जिसे भारत ने श्रीलंका में तूफान दित्वाह के बाद शुरू किया था।
तूफान दित्वाह से श्रीलंका में क्या नुकसान हुआ?
तूफान दित्वाह से श्रीलंका के कई क्षेत्रों में भारी तबाही हुई, जिसमें बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाएं शामिल हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर का श्रीलंका दौरा कब हुआ?
विदेश मंत्री जयशंकर का श्रीलंका दौरा 23 दिसंबर, 2023 को हुआ।
भारत ने श्रीलंका की सहायता कैसे की?
भारत ने श्रीलंका में राहत सामग्री, दवाइयां और सूखा राशन भेजकर सहायता की है।
क्या इस यात्रा का कोई विशेष महत्व है?
यह यात्रा भारत और श्रीलंका के बीच दोस्ती और सहयोग को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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