क्या भारत-नेपाल सीमा पर हालात सामान्य हो रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- अंतरिम सरकार के गठन के बाद स्थिति में सुधार हुआ है।
- व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आ रही है।
- सुरक्षा एजेंसियां चौकस हैं।
- आम नागरिकों की आवाजाही में अभी भी संकोच है।
- नेपाल में प्रदर्शनों का बड़ा असर पड़ा है।
नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएल)। अंतरिम सरकार के गठन के बाद भारत-नेपाल सीमा पर स्थितियां धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शनिवार को रुपईडीहा बॉर्डर से यात्रियों के वाहन, कारें, मोटरसाइकिलें, पैदल यात्री और मालवाहक ट्रक गुजरते हुए देखे गए।
जानकारी के अनुसार, बड़ी संख्या में कारोबारी ट्रक नेपाल में दाखिल हुए, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को गति मिली है। हालांकि, आम नागरिकों की आवाजाही अब भी सीमित प्रतीत हो रही है।
इन सबके बीच, सीमा चौकियों पर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह चौकस हैं और नागरिकों व वाहनों की निरंतर निगरानी की जा रही है।
रिपोर्टों के अनुसार, स्थिति पहले की तुलना में काफी शांत है और आने वाले दिनों में सामान्य जनजीवन पूरी तरह बहाल होने की उम्मीद है।
हाल ही में नेपाल में हुए बड़े पैमाने पर जेन-जी विरोध-प्रदर्शनों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। प्रदर्शन की शुरुआत सरकार द्वारा कई सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने से हुई थी, लेकिन यह आंदोलन जल्द ही भ्रष्टाचार, राजनीतिक भाई-भतीजावाद, आर्थिक असमानता और युवाओं में बेरोजगारी को लेकर बड़ी लहर में बदल गया।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 'डिस्कॉर्ड' जैसे माध्यमों ने इस नेतृत्वविहीन आंदोलन को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
देखते-ही-देखते हजारों युवा सड़कों पर उतर आए। आंदोलन हिंसक झड़पों में तब्दील हो गया, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और सरकारी भवनों, राजनीतिक दलों के दफ्तरों सहित बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान पहुंचा।
देशभर में बढ़ते जन दबाव और हिंसा की घटनाओं के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद नेपाल की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव हुए और पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया।
सरकार के बदलाव और नई व्यवस्था बनने के बाद अब भारत-नेपाल सीमा पर स्थितियां स्थिर होती दिख रही हैं। व्यापारिक गतिविधियां धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हैं। वहीं, कारोबारी वर्ग के लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, आम नागरिकों की आवाजाही को लेकर अभी भी कुछ संकोच दिखाई दे रहा है।