क्या जोशना चिनप्पा भारत की पहली कमांडर-इन-चीफ की परपोती हैं, जिन्होंने स्क्वैश में परचम लहराया?

सारांश
Key Takeaways
- जोशना चिनप्पा का परिवार खेल में एक लंबी विरासत रखता है।
- उन्होंने युवा उम्र में ही स्क्वैश खेलना शुरू किया।
- जोशना ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं।
- उनकी उपलब्धियाँ भारत के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
- जोशना को महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
नई दिल्ली, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की प्रतिष्ठित स्क्वैश खिलाड़ी जोशना चिनप्पा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है। जोशना, जो अंडर-19 वर्ग में ब्रिटिश स्क्वैश चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं, को दीपिका पल्लीकल के साथ मिलकर भारत की सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ महिला स्क्वैश खिलाड़ियों में माना जाता है।
कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाली जोशना भारतीय स्क्वैश के लिए एक प्रेरणास्रोत मानी जाती हैं।
जोशना का जन्म 15 सितंबर 1986 को चेन्नई में हुआ, और उन्हें यह खेल अपने परिवार से विरासत में मिला। उनके परदादा केएम करियप्पा स्वतंत्र भारत के पहले कमांडर-इन-चीफ थे।
जोशना के दादा और पिता भी स्क्वैश खिलाड़ी थे, और इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए जोशना ने महज 7 वर्ष की आयु में स्क्वैश खेलना शुरू किया।
जोशना के पिता, अंजन चिनप्पा, ने तमिलनाडु स्क्वैश टीम का भी प्रतिनिधित्व किया है और वे जोशना के पहले कोच भी रहे।
साल 2000 में, जोशना ने पहली नेशनल स्क्वैश चैंपियनशिप जीती, जब उनकी आयु केवल 14 वर्ष थी। इसके बाद, उन्होंने साल 2003 में प्रोफेशनल स्क्वैश एसोसिएशन में प्रवेश किया।
2005 में, जोशना ने अंडर-19 वर्ग में ब्रिटिश जूनियर स्क्वैश चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया, जिससे वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
इस वर्ष में, उन्होंने सबसे कम उम्र की भारतीय महिला राष्ट्रीय चैंपियन बनने का गौरव भी हासिल किया।
2012 से 2015 तक, जोशना लगातार चार वर्षों तक नेशनल स्क्वैश चैंपियन बनी रहीं। 2014 और 2018 में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने क्रमशः गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते।
2017 में, जोशना चिनप्पा ने महिला एशियन व्यक्तिगत स्क्वैश चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय बनने का गौरव प्राप्त किया। इसके बाद, उन्होंने 2019, 2024 और 2025 में एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड जीते।
जोशना ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो गोल्ड जीते हैं और साउथ एशियन गेम्स में भी दो गोल्ड अपने नाम किए हैं।
स्क्वैश में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए, जोशना को 2013 में 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया, और इसके बाद 2024 में उन्हें 'पद्म श्री' पुरस्कार प्राप्त हुआ।