क्या भारत-रूस का साझा लक्ष्य ‘परस्पर पूरकता अधिकतम करना’ है?

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क्या भारत-रूस का साझा लक्ष्य ‘परस्पर पूरकता अधिकतम करना’ है?

सारांश

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मॉस्को में रूस के सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत कर भारत-रूस संबंधों की गहराई और महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस वार्ता को सकारात्मक बताते हुए, मोदी-पुतिन शिखर सम्मेलन के लिए तैयारियों की चर्चा की। जानिए इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में और क्या कहा जयशंकर ने।

Key Takeaways

  • जयशंकर और लावरोव के बीच बैठक का उद्देश्य आपसी रिश्तों को मजबूत बनाना है।
  • इस वर्ष के अंत में मोदी-पुतिन शिखर सम्मेलन की तैयारी चल रही है।
  • भारत-रूस संबंधों की गहराई वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण है।

मॉस्को, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को रूस की राजधानी मॉस्को में अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि भारत और रूस का साझा उद्देश्य आपसी रिश्तों में ‘अधिकतम पूरकता’ प्राप्त करना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी वार्ताएँ फलदायी रहीं और इस वर्ष के अंत में होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शिखर सम्मेलन को अधिकतम परिणाम प्राप्त होंगे।

जयशंकर ने कहा, "आज की बैठक हमें राजनीतिक रिश्तों पर चर्चा करने का अवसर देती है, साथ ही व्यापार, आर्थिक निवेश, रक्षा, विज्ञान-तकनीक और जन-से-जन संपर्क जैसे द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा का भी। पिछले वर्ष हमारे नेताओं की 22वीं वार्षिक शिखर सम्मेलन और फिर कजान में मुलाकात हुई थी। अब हम इस साल के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं।"

उन्होंने बताया कि बुधवार को रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ अंतर-सरकारी आयोग की बैठक बहुत उपयोगी रही और कई मुद्दों पर समाधान निकाले गए। उन्होंने कहा, "अब मैं चाहता हूं कि उन चर्चाओं को आगे बढ़ाया जाए ताकि वार्षिक शिखर सम्मेलन में अधिकतम परिणाम हासिल किए जा सकें।"

विदेश मंत्री ने हाल ही में हुई अन्य उच्चस्तरीय बैठकों का भी उल्लेख किया, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव तथा नीति आयोग प्रमुख सुमन बेरी की मॉस्को यात्राएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बदलते भू-राजनीतिक हालात और वैश्विक व्यापारिक परिदृश्य के बीच भारत-रूस रिश्तों की निकटता और गहराई स्पष्ट झलकती है।

जयशंकर ने लावरोव का गर्मजोशी से स्वागत किया और मेहमाननवाजी के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक सहित विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर उनकी नियमित मुलाकातों ने दोनों देशों के बीच सतत संपर्क बनाए रखने में मदद की है।

बुधवार को जयशंकर ने मॉस्को में 26वें भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) की सह-अध्यक्षता भी की। इसके बाद उन्होंने एक्स पर लिखा, "भारत-रूस बिजनेस फोरम में शामिल होकर खुशी हुई। हमारे आर्थिक संबंधों की गहराई पर विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं की राय और आकलन उपयोगी रहे।"

उन्होंने कहा, "किसी भी स्थायी रणनीतिक साझेदारी में मजबूत और टिकाऊ आर्थिक आधार जरूरी है। इस संदर्भ में मैंने हमारे कारोबारियों से अधिक व्यापार करने, नए निवेश और संयुक्त उपक्रमों पर विचार करने तथा आर्थिक सहयोग के नए क्षेत्र तलाशने का आह्वान किया।"

Point of View

जिसे सुरक्षित और स्थायी आर्थिक आधार पर स्थापित करने की आवश्यकता है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत और रूस का साझा लक्ष्य क्या है?
भारत और रूस का साझा लक्ष्य आपसी रिश्तों में 'अधिकतम पूरकता' हासिल करना है।
जयशंकर ने हाल ही में किसके साथ बैठक की?
जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बैठक की।
क्या इस वर्ष मोदी और पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन होगा?
हां, इस वर्ष के अंत में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन होने की योजना है।