क्या भारत और अमेरिका समय सीमा से पहले अंतरिम व्यापार समझौते पर पहुंचेंगे?

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क्या भारत और अमेरिका समय सीमा से पहले अंतरिम व्यापार समझौते पर पहुंचेंगे?

सारांश

अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ की समयसीमा नजदीक आ रही है, और भारत-अमेरिका के अधिकारियों के बीच वाशिंगटन, डीसी में गहन वार्ता चल रही है। क्या यह वार्ता अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने में सफल होगी? जानें इस महत्वपूर्ण विषय पर सभी अपडेट।

Key Takeaways

  • भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों को मजबूती देने की कोशिश।
  • रेसिप्रोकल टैरिफ की कटौती पर जोर।
  • अंतरिम व्यापार समझौते का लक्ष्य 9 जुलाई तक पूर्ण करना।
  • भारत की ओर से श्रम-प्रधान सामान के लिए बेहतर बाजार पहुंच की मांग।
  • अमेरिका की ओर से कृषि उत्पादों के लिए शुल्क रियायत की मांग।

नई दिल्ली/वाशिंगटन, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ की समयसीमा नजदीक आती जा रही है, और इस बीच, भारत तथा अमेरिका के अधिकारियों के बीच वाशिंगटन, डीसी में प्रस्तावित अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए गहन विचार-विमर्श चल रहा है।

अधिकारियों के अनुसार, भारत अपने श्रम-प्रधान सामान जैसे कि वस्त्र, जूते और चमड़े के लिए अधिक बाजार पहुंच की मांग कर रहा है, जबकि वाशिंगटन अपने कृषि और दैनिक उत्पादों के लिए शुल्क रियायत चाहता है।

भारतीय व्यापार वार्ताकारों ने अमेरिका में अपने प्रवास को बढ़ा दिया है, जो कि प्रमुख मतभेदों को दूर करने के लिए अंतिम समय में उठाए गए कदम का संकेत है।

उनका कहना है कि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य के लिए, विशेष रूप से उच्च-रोजगार वाले सामानों पर व्यापक टैरिफ कटौती की आवश्यकता है।

भारत-अमेरिका अंतरिम व्यापार सौदे का फोकस रेसिप्रोकल टैरिफ कटौती या हटाने तक सीमित हो गया है। विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारत की वार्ता टीम द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए वाशिंगटन में उच्च स्तरीय वार्ता में संलिप्त है।

भारतीय और अमेरिकी वार्ताकार 9 जुलाई की समयसीमा से पहले अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का लक्ष्य बना रहे हैं। यह समयसीमा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए जाने वाले नए टैरिफ पर 90 दिन की रोक के लिए तय की गई है। सितंबर-अक्टूबर में एक बड़े व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।

हालांकि, भारत झींगा और मछली जैसे समुद्री खाद्य उत्पादों के साथ-साथ मसालों, कॉफी और रबर के लिए अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच के लिए दबाव डाल सकता है। ऐसे क्षेत्र जहां भारतीय निर्यातक वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी हैं, लेकिन अमेरिकी बाजार में टैरिफ प्रतिस्पर्धा का सामना करते हैं।

भारत ने व्यापार अधिशेष को कम करने के लिए पहले ही अमेरिका से अधिक तेल और गैस खरीदना शुरू कर दिया है और इन खरीदों को बढ़ाने की पेशकश की है।

भारत ने टैरिफ में कटौती का प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत ट्रंप प्रशासन के दौरान लगाए गए अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी से छूट के बदले में औसत शुल्क को 13 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत किया जा सकता है।

Point of View

यह वार्ता भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों देशों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने मतभेदों को समाप्त करें और एक स्थायी समाधान पर पहुंचें, जो न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों के बीच दोस्ती को भी मजबूत करेगा।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता का मुख्य उद्देश्य क्या है?
मुख्य उद्देश्य अंतरिम व्यापार समझौता करना है, जिसमें दोनों देशों के बीच रेसिप्रोकल टैरिफ की कटौती पर चर्चा की जा रही है।
क्या भारत ने अमेरिका से अधिक तेल और गैस खरीदने की योजना बनाई है?
हाँ, भारत ने व्यापार अधिशेष को कम करने के लिए अमेरिका से अधिक तेल और गैस खरीदने की योजना बनाई है।