क्या चीन, कंबोडिया और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों ने त्रिपक्षीय बैठक की?

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क्या चीन, कंबोडिया और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों ने त्रिपक्षीय बैठक की?

सारांश

चीन, कंबोडिया और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों की त्रिपक्षीय बैठक ने तनाव कम करने और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। बैठक में सकारात्मक संवाद और सहयोग की भावना व्यक्त की गई, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।

Key Takeaways

  • त्रिपक्षीय बैठक में सीमा विवाद पर चर्चा की गई।
  • तीनों देशों के बीच संवाद और मध्यस्थता को बढ़ावा दिया गया।
  • युद्धविराम समझौते पर सहमति बनी।
  • आपसी विश्वास का पुनर्निर्माण आवश्यक है।
  • चीन कंबोडिया-थाईलैंड संबंधों के विकास का समर्थक रहेगा।

बीजिंग, २९ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीन, कंबोडिया और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों ने सोमवार को चीन के युन्नान प्रांत के युक्सी में त्रिपक्षीय बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी, कंबोडिया के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री प्राक सोखोन, थाईलैंड के विदेश मंत्री नोरोडोम सिहासक और तीनों देशों के सैन्य नेता शामिल हुए।

वांग यी ने बताया कि जब से कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा विवाद शुरू हुआ है, चीन ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा प्रस्तावित वैश्विक सुरक्षा पहल के अनुसार, दोनों देशों के बीच सक्रिय मध्यस्थता की है। चीनी नेताओं ने कंबोडिया और थाईलैंड के नेताओं के साथ मैत्रीपूर्ण संवाद बनाए रखा है और विदेश मंत्रियों के बीच फोन पर कई बार बातचीत की गई है। चीनी विशेष दूतों ने चार बार दौरा किया है, जिसका उद्देश्य दोनों पक्षों के विचारों को सुनना, उनकी जायज चिंताओं का समाधान करना और संवाद एवं वार्ता के माध्यम से मतभेदों को सुलझाना है। सभी पक्षों के संयुक्त प्रयासों से, कंबोडिया और थाईलैंड की सेनाओं ने हाल ही में एक युद्धविराम समझौते पर सहमति जताई है, जिससे चीन बहुत प्रसन्न है।

वांग यी ने कहा कि त्रिपक्षीय बैठक का आयोजन समयानुसार उचित था। यहाँ कई द्विपक्षीय वार्ताएं हुईं, विशेष रूप से कंबोडिया और थाईलैंड के विदेश और सैन्य विभागों के बीच गहन आमने-सामने की बातचीत हुई। दोनों पक्षों ने सकारात्मक और खुला रवैया दिखाया, तनाव कम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई और युद्धविराम के आधार पर द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने की इच्छा व्यक्त की।

तीनों पक्षों के बीच हुई चर्चाएं लाभकारी और रचनात्मक रहीं और महत्वपूर्ण सहमति बनी: पहला, हमें मिलकर आगे बढ़ना होगा। युद्धविराम समझौता बड़ी कठिनाइयों से हासिल हुआ है और इसे निष्क्रिय नहीं छोड़ा जा सकता या फिर से लड़ाई शुरू नहीं की जा सकती। यह न तो जनता चाहती है और न ही चीन की अपेक्षा।

दूसरा, हमें धीरे-धीरे आगे बढ़ना होगा। युद्धविराम समझौतों के कार्यान्वयन के लिए निरंतर संचार और परामर्श आवश्यक है, और द्विपक्षीय संबंधों की बहाली को भी धीरे-धीरे आगे बढ़ाना होगा। जब तक दोनों पक्ष विश्वास बनाए रखते हैं और समान संवाद में संलग्न रहते हैं, तब तक लक्ष्य निश्चित रूप से प्राप्त किया जा सकता है।

तीसरा, आपसी विश्वास का पुनर्निर्माण सबसे महत्वपूर्ण है। संघर्ष ने विश्वास की हानि की है, लेकिन कंबोडिया और थाईलैंड लंबे समय से मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान के इतिहास वाले पड़ोसी हैं। आशा है कि वर्तमान बैठक संघर्ष से हुए घावों को भरेगी और एक-दूसरे के दिलों में मौजूद बाधाओं को दूर करेगी। यह कंबोडिया और थाईलैंड की जनता के हित में है।

चीन हमेशा कंबोडिया-थाईलैंड संबंधों के विकास का समर्थक रहेगा और युद्धविराम निगरानी, मानवीय सहायता और बारूदी सुरंगों को हटाने में सहयोग सहित सभी आवश्यक सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए तत्पर है। चीन आशा करता है कि कंबोडिया-थाईलैंड संबंध जल्द से जल्द सही रास्ते पर लौट आएंगे।

Point of View

जिससे क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित होगी।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

त्रिपक्षीय बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य कंबोडिया और थाईलैंड के बीच के सीमा विवाद को सुलझाना और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारना था।
बैठक में कौन से प्रमुख नेता शामिल थे?
बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी, कंबोडिया के उप प्रधानमंत्री प्राक सोखोन, और थाईलैंड के विदेश मंत्री नोरोडोम सिहासक शामिल थे।
युद्धविराम समझौता किस प्रकार का था?
युद्धविराम समझौता हाल ही में कंबोडिया और थाईलैंड की सेनाओं के बीच सहमति से स्थापित हुआ, जिससे तनाव कम करने की दिशा में एक कदम बढ़ाया गया।
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