क्या चीनी प्रधानमंत्री ने 5वीं आरसीईपी नेताओं की बैठक में भाग लिया?
सारांश
Key Takeaways
- आरसीईपी ने सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा दिया है।
- ली छ्यांग ने तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
- क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को गति देने की आवश्यकता है।
- सभी देशों को बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की सुरक्षा के लिए प्रयास करना चाहिए।
- आरसीईपी ने क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था की लचीलापन बढ़ाने में मदद की है।
बीजिंग, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। “क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता” (आरसीईपी) के नेताओं की 5वीं बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें चीन के प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आरसीईपी के प्रभावी होने के बाद से पिछले तीन वर्षों में सदस्य देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग लगातार गहरा हुआ है। विश्व अर्थव्यवस्था की समग्र गति में मंदी के बावजूद, आरसीईपी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने उल्लेखनीय वृद्धि की है।
ली छ्यांग ने कहा कि इस प्रक्रिया में आरसीईपी ने एक अनिवार्य और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने सदस्य देशों के बीच साझा विकास के अवसरों को बढ़ाया है, आर्थिक सुरक्षा का ढांचा मजबूत किया है और नवाचार सहयोग का एक प्रभावी मंच प्रदान किया है।
प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने अपने संबोधन में तीन प्रमुख सुझाव दिए। पहला, एक अधिक खुला दृष्टिकोण अपनाकर एक बड़ा क्षेत्रीय बाजार तैयार करना चाहिए, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा मिले। उन्होंने आरसीईपी में हांगकांग की भागीदारी का समर्थन करते हुए सदस्य देशों के विस्तार प्रक्रिया को तेज़ करने का आग्रह किया।
दूसरा, आरसीईपी की गुणवत्ता और स्तर में सुधार के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया, विशेषकर बाजार पहुंच, सरकारी खरीद, डिजिटल अर्थव्यवस्था, हरित विकास और औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने की दिशा में। और तीसरा, उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की सुरक्षा के लिए और अधिक दृढ़ संकल्प के साथ प्रयास करने चाहिए।
ली छ्यांग ने यह भी दोहराया कि चीन, आसियान की केंद्रीय भूमिका का हमेशा समर्थन करता रहा है और आगे भी सभी पक्षों के साथ मिलकर वास्तविक बहुपक्षवाद को बढ़ावा देना चाहता है। चीन क्षेत्रीय बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की स्थिरता बनाए रखने और आरसीईपी ढांचे के अंतर्गत सहयोग को अधिक ठोस परिणामों में बदलने के लिए तत्पर है।
बैठक में शामिल अन्य देशों के नेताओं ने भी कहा कि विश्व की सबसे बड़ी मुक्त व्यापार व्यवस्था के रूप में आरसीईपी ने लागू होने के बाद से क्षेत्रीय व्यापार और निवेश की उदारीकरण प्रक्रिया को सशक्त बनाया है। उन्होंने माना कि इस समझौते ने क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था की लचीलापन बढ़ाने, औद्योगिक व आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थिरता बनाए रखने तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने में सकारात्मक भूमिका निभाई है।
नेताओं ने यह भी जोर दिया कि सभी सदस्य देशों को तंत्र निर्माण को मजबूत करते हुए आरसीईपी के विस्तार को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना चाहिए, जिससे इसकी क्षमता को और अधिक विकसित किया जा सके। साथ ही, व्यापार, निवेश, नवाचार और डिजिटल अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में अधिक ठोस उपलब्धियां प्राप्त करनी चाहिए, ताकि एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और खुली बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के माध्यम से सभी देशों के साझा विकास और समावेशी प्रगति को लाभ पहुंचाया जा सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)