क्या चीन ने मानवाधिकार परिषद में बाधा-मुक्त निर्माण को बढ़ावा देने वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर संयुक्त वक्तव्य दिया?

सारांश
Key Takeaways
- बाधा-मुक्त निर्माण के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का महत्व।
- मानवाधिकारों का सम्मान और संरक्षण।
- वैश्विक सहयोग की आवश्यकता।
- विकासशील देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता।
- समावेशिता को बढ़ावा देना।
बीजिंग, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) - चीन के जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और स्विट्जरलैंड के अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में स्थायी प्रतिनिधि छन श्यू ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 59वें सत्र में तकनीकी सहायता पर वार्षिक संगोष्ठी में 70 से अधिक देशों की ओर से "बाधा-मुक्त निर्माण को बढ़ावा देने वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता" पर एक संयुक्त वक्तव्य प्रस्तुत किया। इस वक्तव्य में बाधा-मुक्त निर्माण को बढ़ावा देने वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण को सुदृढ़ करने तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास की उपलब्धियों को साझा करने के लिए देशों को प्रेरित करने का आह्वान किया गया।
संयुक्त वक्तव्य में यह भी उल्लेख किया गया कि बाधा-मुक्त वातावरण का निर्माण मानव सभ्यता की प्रगति का प्रतीक है और यह सभी के मानवाधिकारों का आनंद बढ़ाने की एक महत्वपूर्ण गारंटी है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी में गहन संभावनाएँ हैं और यह सामाजिक समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए अभिनव समाधानों के माध्यम से भौतिक, सूचना और सांस्कृतिक बाधाओं को समाप्त कर सकती है।
इस संयुक्त वक्तव्य में तीन प्रमुख प्रस्ताव रखे गए: पहला, जन-उन्मुखीकरण का पालन करें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का विकास मानवाधिकारों का सम्मान, प्रचार और संरक्षण करता है।
दूसरा, समावेशिता का पालन करें, ताकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकास की उपलब्धियों से सभी समूहों को लाभ मिले और समान अवसरों तथा समावेशी विकास को बढ़ावा मिले।
तीसरा, उभय जीत सहयोग का पालन करें, विकासशील देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करें और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता शासन में सुधार करें।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)