क्या पप्पू यादव का कहना है कि 'एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ेगी'?

सारांश
Key Takeaways
- पप्पू यादव ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के चुनाव नहीं लड़ने का दावा किया है।
- भाजपा नीतीश कुमार की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
- बिहार में एसआईआर के माध्यम से वोटरों पर हमला किया जा रहा है।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन यादव, जिन्हें सभी पप्पू यादव के नाम से जानते हैं, ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबंध में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीतीश कुमार के नेतृत्व में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए का हिस्सा नहीं बनेगी।
सोमवार को राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में, सांसद पप्पू यादव ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा द्वारा नीतीश कुमार को दी गई सलाह पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बिहार में हो रही घटनाओं और बिगड़ती कानून व्यवस्था की वजह से नीतीश कुमार की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए भाजपा लगातार प्रयास कर रही है। उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान दोनों ही नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, "गठबंधन धर्म के नाम पर भाजपा वही नेतृत्व पर हमला कर रही है जिसके साथ वे चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। यह स्पष्ट है कि वे नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ेंगे।"
सांसद ने कहा, "मुझे लगता है कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में घोषित करके एनडीए चुनाव नहीं लड़ेगी। नीतीश कुमार भाजपा के लिए तभी तक उपयोगी हैं जब तक चुनाव नहीं होते। चुनाव के बाद उन्हें निपटा दिया जाएगा।"
उन्होंने एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) पर भी बात की। उनका कहना था कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए आयोग एसआईआर का बहाना बना रहा है। बीएलओ गांवों में नहीं जा रहे हैं। मेरे क्षेत्र में ही 22-24 गांवों में बीएलओ नहीं पहुंचे, फिर भी मनमाने तरीके से नाम जोड़ दिए गए हैं। मैं इसे चुनौती देता हूं, दिल्ली में जो लोग हैं, उनके नाम यहां जुड़ गए हैं। यह केवल एक-दो लोगों की बात नहीं, बल्कि लाखों लोग हैं।
पप्पू यादव ने कहा कि एसआईआर के माध्यम से चुनाव आयोग वहां वोट काट रहा है जहां भाजपा को वोट नहीं मिलते। यह एक साजिश है। हमारे नेता राहुल गांधी और पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट हैं। हम सुप्रीम कोर्ट, संसद और सड़कों पर इसके खिलाफ लड़ रहे हैं।
सांसद के अनुसार, एसआईआर के माध्यम से बिहार के वोटरों पर हमला किया गया है। बिहार के बाद असम और बंगाल में यह कार्य होने की संभावना है।