क्या वांग यी और सर्गेई लावरोव की क्वालालंपुर में मुलाकात महत्वपूर्ण है?

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क्या वांग यी और सर्गेई लावरोव की क्वालालंपुर में मुलाकात महत्वपूर्ण है?

सारांश

क्वालालंपुर में वांग यी और लावरोव की मुलाकात ने वैश्विक राजनीति में एक नई दिशा दिखाई है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ क्षेत्रीय सहयोग पर भी गहरी चर्चा हुई है। जानिए इस महत्वपूर्ण मुलाकात के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • चीन और रूस के बीच संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं।
  • क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
  • आसियान के साथ सहयोग को और गहरा करने की कोशिश।
  • दोनों देशों के बीच रणनीतिक संवाद की निरंतरता।
  • महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान।

बीजिंग, ११ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर में १० जुलाई को चीन के विदेश मंत्री वांग यी और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुलाकात का आयोजन हुआ। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने चीन-रूस संबंधों और क्षेत्रीय सहयोग पर गहन चर्चा की।

वांग यी ने कहा कि चीन और रूस के शीर्ष नेताओं के बीच निरंतर रणनीतिक संवाद बना हुआ है, जिससे वैश्विक परिवर्तनों के बावजूद दोनों देशों के संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि चीन, रूस के साथ मिलकर नेताओं के बीच हुई सहमतियों को लागू करना चाहता है, ताकि द्विपक्षीय रणनीतिक सहयोग को और ऊंचे स्तर पर ले जाया जा सके और दोनों देशों के सुरक्षा और विकास संबंधी हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

उन्होंने यह भी बताया कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र विकास का केंद्र और सहयोग का महत्वपूर्ण मंच है, इसलिए, आसियान के प्रमुख संवाद साझेदारों के रूप में दोनों देशों को पूर्वी एशिया सहयोग मंच पर अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करना चाहिए।

वहीं, रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि रूस-चीन संबंध वैश्विक और रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस और चीन क्षेत्रीय सहयोग में आसियान की केंद्रीय भूमिका का समर्थन करते हैं और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। रूस, चीन के साथ अपने सहयोग को और मजबूत करने का इच्छुक है।

इस मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम, फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष और अन्य प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

चीन और रूस के बीच बढ़ती समीकरणें भारत के लिए एक चुनौती और अवसर दोनों प्रस्तुत कर सकती हैं। भारत को अपनी स्थिति को मजबूती प्रदान करने के लिए अपनी रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन करना होगा।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

वांग यी और लावरोव की मुलाकात का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य चीन-रूस संबंधों को मजबूत करना और क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा करना था।
इस मुलाकात में किस-किस मुद्दे पर चर्चा की गई?
मुलाकात में ईरान के परमाणु कार्यक्रम, फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष और अन्य प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ।
क्या यह मुलाकात वैश्विक राजनीति में बदलाव ला सकती है?
हाँ, यह मुलाकात वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है, खासकर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में।