क्या दिल्ली एआई शिखर सम्मेलन भारत के लिए वैश्विक तकनीकी कूटनीति का बड़ा अवसर है?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली एआई इम्पैक्ट सम्मेलन 100 देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
- यह सम्मेलन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के न्यायसंगत नियमों का निर्माण करेगा।
- भारत की वैश्विक तकनीकी भूमिका को सशक्त बनाएगा।
- यह सम्मेलन जिम्मेदार एआई के विकास में सहायक होगा।
- अमेरिका और भारत के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा।
वाशिंगटन, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नई दिल्ली में आयोजित होने वाला एआई इम्पैक्ट सम्मेलन दुनिया के 100 देशों को एक साथ लाएगा, ताकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के न्यायसंगत और समावेशी नियमों का निर्माण किया जा सके। यह जानकारी भारत के राजदूत विनय क्वात्रा ने अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों और टेक्नोलॉजी लीडर्स को प्रदान की। उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन भारत की वैश्विक तकनीकी भूमिका के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
क्वात्रा ने इस सप्ताह वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में कहा, जिसे आईटीआई नामक ग्लोबल टेक ट्रेड एसोसिएशन ने इंडिया एआई मिशन और भारतीय दूतावास के सहयोग से आयोजित किया। इस बैठक में भारत और अमेरिका के अधिकारियों ने दिल्ली सम्मेलन से अपनी अपेक्षाएँ साझा कीं। भारत इसे जिम्मेदार एआई पर अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानता है।
राजदूत ने बताया कि यह सम्मेलन तीन सिद्धांतों- मनुष्य, प्रकृति और प्रगति पर आधारित है। भारत का उद्देश्य है कि एआई से विकास सभी के लिए हो, और कोई भी पीछे न रहे। उन्होंने कहा, "हम 100 देशों की सरकारों और विशेषज्ञों को एक मंच पर ला रहे हैं, ताकि ऐसे सुझाव विकसित किए जा सकें जो एआई को दुनिया में असमानता बढ़ाने से रोकें और इसके लाभ सभी तक पहुँचें।"
क्वात्रा ने अमेरिकी उद्योगपतियों से कहा कि दिल्ली में होने वाली यह मीटिंग सहयोग के लिए एक मजबूत अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा, "अमेरिकी कंपनियों के लिए, यह समिट भारत के बेजोड़ पैमाने, प्रतिभा और इनोवेशन इकोसिस्टम के साथ खुले, सुरक्षित और न्यायसंगत एआई के भविष्य को मिलकर बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है - एक ऐसी साझेदारी जो एआई युग में जिम्मेदार नेतृत्व को परिभाषित करेगी।"
अमेरिका के आर्थिक मामलों के उप सचिव जैकब हेलबर्ग ने भी कहा कि एआई नीति बनाते समय भारत-अमेरिका सहयोग और मजबूत होना चाहिए। उन्होंने कहा, "अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश। दोनों मिलकर असीमित उपलब्धियाँ हासिल कर सकते हैं।"
हेलबर्ग ने कहा कि दोनों देश एआई अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और विकसित करने में स्वाभाविक साझेदार हैं और दोनों के लोकतांत्रिक मूल्य नई तकनीकों में साझा प्रयासों का मार्ग खोलते हैं। उनके अनुसार यह समय मानव प्रगति के इतिहास में एक नया अध्याय लिखने जैसा है।
आईटीआई के अध्यक्ष जैसन ऑक्समन ने कहा कि तकनीकी उद्योग दिल्ली सम्मेलन को एक बहुत महत्वपूर्ण वैश्विक मंच के रूप में देख रहा है। उन्होंने कहा, "एआई से पूरे समाज और अर्थव्यवस्था को लाभ तभी मिलेगा जब देशों के बीच मजबूत साझेदारी और समान नीति बने।" उन्होंने बताया कि आईटीआई और उसकी सदस्य कंपनियां एआई के विकास और नीति, दोनों क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
सोशल मीडिया पर आईटीआई ने वाशिंगटन की बातचीत को एआई से आर्थिक विकास बढ़ाने और तकनीकी नेतृत्व मजबूत करने के लिए उपयोगी बताया। इसी दौरान राजदूत क्वात्रा ने लिखा कि दिल्ली सम्मेलन दुनिया भर की सरकारों और विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा ताकि जिम्मेदार और सबके हित में काम करने वाला एआई ढांचा तैयार किया जा सके।