क्या ईयू ने ईरान पर फिर प्रतिबंध लगाया है?

सारांश
Key Takeaways
- यूरोपीय संघ ने ईरान पर नए प्रतिबंध लागू किए हैं।
- इन प्रतिबंधों में ईरानी सेंट्रल बैंक की संपत्तियों का जब्त होना शामिल है।
- संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही प्रतिबंधों की पुष्टि की है।
- ईरान ने इन प्रतिबंधों की निंदा की है।
- कूटनीतिक बातचीत के लिए रास्ते खुले हैं।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूरोपीय संघ ने आज यह पुष्टि की है कि उसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उस पर व्यापक प्रतिबंध दोबारा लगा दिए हैं। यह कदम संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के संदर्भ में लिए गए निर्णय के बाद उठाया गया है।
यूरोपीय संघ ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "आज, यूरोपीय संघ ने परमाणु समझौते का लगातार उल्लंघन किए जाने के जवाब में ईरान के खिलाफ प्रतिबंध फिर से लागू किए हैं। हालांकि, कूटनीतिक बातचीत के विकल्प खुले हैं।"
यूरोपीय संघ का कहना है कि इन प्रतिबंधों में ईरानी सेंट्रल बैंक और अन्य ईरानी बैंकों की संपत्तियों का जब्त करना, साथ ही कुछ ईरानी अधिकारियों पर यात्रा प्रतिबंध शामिल हैं।
बातचीत के अलावा, यूरोपीय संघ ईरान के कच्चे तेल की खरीद और परिवहन, सोने और कुछ नौसैनिक उपकरणों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा रहा है।
आखिरी सप्ताहांत में संयुक्त राष्ट्र ने यह निर्णय लिया, जब पश्चिमी शक्तियों ने 2015 के परमाणु समझौते के तहत "स्नैपबैक" व्यवस्था को लागू किया।
27 देशों के इस समूह के पुनः लागू किए गए प्रतिबंधों में तेहरान की परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल गतिविधियों पर रोक लगाने वाले संयुक्त राष्ट्र के उपाय भी शामिल हैं।
तेहरान ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए कहा कि ये "अनुचित" हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाने की पुष्टि कर दी थी। सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1737 के तहत पूर्व में प्रतिबंधित 43 व्यक्तियों और 78 संस्थाओं की सूची को फिर से सक्रिय किया गया है। यह कदम पिछले महीने फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी द्वारा स्नैपबैक मैकेनिज्म के औपचारिक आह्वान के बाद उठाया गया है।
हालांकि, इस कार्य योजना के तहत प्रतिबंधों में राहत देने के प्रयास 19 सितंबर को किए गए थे। पिछले शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह प्रयास विफल रहे थे, जिससे वर्तमान तनाव का संकेत मिलता है। अपने संयंत्रों पर इजरायल और अमेरिका के हालिया हमलों के जवाब में ईरान ने परमाणु निगरानी कार्य स्थगित कर दिए हैं।