क्या दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति युन सुक योल पत्नी से जुड़े मामले में पूछताछ में नहीं आए?

सारांश
Key Takeaways
- पूर्व राष्ट्रपति युन सुक योल की अनुपस्थिति से राजनीतिक संकट गहरा हुआ है।
- विशेष वकील मिन जुंग-की ने उन्हें फिर से बुलाया है।
- युन पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिनका प्रभाव चुनावी राजनीति पर पड़ेगा।
सोल, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गिरफ्तार दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल मंगलवार को विशेष जांच दल के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। यह पेशी उनकी पत्नी किम क्योन ही से संबंधित विभिन्न आरोपों के संदर्भ में होनी थी।
पूर्व राष्ट्रपति यून और उनकी पत्नी पर चुनावी नामांकनों में हस्तक्षेप करने के आरोप लगे हैं। इस संबंध में उन्हें विशेष वकील मिन जुंग-की के कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे निर्धारित समय पर नहीं आए।
यून की ओर से उनकी अनुपस्थिति को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। फिर भी, पूर्व राष्ट्रपति इससे पहले मार्शल लॉ डिक्री की जांच कर रही एक अन्य विशेष जांच टीम की पूछताछ से भी बचते रहे हैं। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर वे उपस्थित नहीं हुए थे।
इसके जवाब में, विशेष वकील मिन जुंग-की की टीम ने यून को सूचित किया है कि उन्हें बुधवार सुबह 10 बजे पूछताछ के लिए उपस्थित होना आवश्यक है।
यदि यून लगातार पूछताछ में आने से इनकार करते हैं, तो टीम उन्हें जबरन लाने का विचार कर सकती है।
पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल पर 2022 के उपचुनाव में पीपल पावर पार्टी (पीपीपी) के एक उम्मीदवार के नामांकनों में हस्तक्षेप करने का संदेह है।
योल पर आरोप है कि उन्होंने 2022 के उपचुनाव के लिए पूर्व सांसद किम यंग-सुन को पार्टी का टिकट दिलवाने में मदद की थी। इसके बदले उन्होंने कथित तौर पर खुद को 'पावर ब्रोकर' कहने वाले म्यंग ताए-क्युन से फ्री ओपिनियन पोल प्राप्त किया था; यह सब उस वर्ष के राष्ट्रपति चुनाव से पहले हुआ।
विशेष वकील दल ने प्रतिनिधि यून सांग-ह्यून और ली जुन-सियोक के घरों और कार्यालयों पर छापे मारे हैं, जो क्रमशः 2022 के चुनाव के समय पीपीपी की नामांकन समिति के प्रमुख और पार्टी के नेता थे।
पीपीपी सांसद यून ने कथित तौर पर जांचकर्ताओं को बताया कि रविवार को पूछताछ के लिए उपस्थित होने पर उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति से फोन पर पूर्व प्रतिनिधि किम के नामांकन के बारे में चर्चा की थी।
'योनहाप समाचार एजेंसी' के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति पर 2021 में पीपीपी के राष्ट्रपति पद के लिए हुई प्राथमिक बहस में कथित तौर पर झूठ बोलने के लिए पब्लिक ऑफिशियल इलेक्शन एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप भी लगा है।
यून 10 जुलाई से हिरासत में हैं, जब सोल की एक अदालत ने असफल मार्शल लॉ प्रयास के लिए उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।