क्या गाजा में हालात वाकई बहुत खराब हैं? भारत को मजबूती से अपना पक्ष रखना चाहिए: एमके स्टालिन

सारांश
Key Takeaways
- गाजा में मानवता का संकट गंभीर है।
- भारत को अपनी आवाज उठानी चाहिए।
- दुनिया को गाजा के मुद्दे पर एकजुट होना चाहिए।
चेन्नई, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने गाजा में उत्पन्न मानवीय संकट के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने दुनियाभर के देशों से गाजा पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की। उनका कहना है कि गाजा में स्थिति अत्यंत खराब है, और वैश्विक समुदाय को इस पर ध्यान देना चाहिए।
सीएम स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावनात्मक पोस्ट में लिखा, "गाजा में स्थिति बहुत खराब है, दुनिया को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। मैं गाजा में हो रहे अत्याचारों से स्तब्ध हूं। हर दृश्य दिल दहलाने वाला है। बच्चों की चीखें, भूखे बच्चे, अस्पतालों पर बमबारी और संयुक्त राष्ट्र की जांच समिति द्वारा नरसंहार की घोषणा, यह सब उस पीड़ा को दर्शाता है, जिसे किसी भी इंसान को नहीं सहना चाहिए।"
सीएम स्टालिन ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा, "जब इस तरह बेगुनाह लोगों की जान जा रही है, तो चुप रहना विकल्प नहीं है। हर इंसान की अंतरात्मा को जागना होगा। भारत को मजबूती से बोलना चाहिए, विश्व को एकजुट होना चाहिए और हमें इस अत्याचार को तुरंत समाप्त करना चाहिए।"
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में इजरायली हवाई हमलों और गोलीबारी में 65,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने गाजा को 'कब्रिस्तान' बताते हुए इजरायली अधिकारियों की बयानबाजी पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
वोल्कर तुर्क ने कहा था, "मैं वरिष्ठ इजरायली अधिकारियों द्वारा खुलेआम नरसंहार को लेकर की जा रही बयानबाजी और फिलिस्तीनियों के साथ किए गए शर्मनाक अमानवीय व्यवहार से खौफजदा हूं।"
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा कि 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल में हमास के अटैक के बाद युद्ध छिड़ा और अब लगभग दो साल बाद, 'यह क्षेत्र शांति की गुहार लगा रहा है।'