क्या गिलगित-बाल्टिस्तान के दान्योर में भूस्खलन ने 7 वॉलंटियर्स की जान ले ली?

सारांश
Key Takeaways
- भूस्खलन की घटनाएं जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रही हैं।
- सात वॉलंटियर्स की मृत्यु ने पूरे समुदाय को झकझोर दिया है।
- सरकार को जल आपूर्ति बहाल करने में तेजी लानी होगी।
- स्थानीय निवासी पीने के पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
- रेस्क्यू 1122 राहत कार्य में सक्रिय है।
कराची, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। गिलगित-बाल्टिस्तान के दान्योर शहर में एक नहर पर कार्यरत लगभग सात वॉलंटियर्स की सोमवार तड़के भूस्खलन के कारण जान चली गई, जबकि छह लोग घायल हुए हैं।
वास्तव में, गिलगित-बाल्टिस्तान में जलवायु परिवर्तन और पिघलते ग्लेशियरों के विनाशकारी प्रभाव तेजी से दिखाई देने लगे हैं। इस क्षेत्र में जून के अंत से लगातार भारी बारिश हो रही है। इससे पूर्व, 21 जुलाई को बाबूसर इलाके में भीषण बाढ़ के कारण भूस्खलन हुआ था, जिससे बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ था।
सोमवार तड़के 13 वॉलंटियर्स दान्योर नहर से दान्योर कस्बे तक जल आपूर्ति बहाल करने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान, ये सभी भूस्खलन की चपेट में आ गए।
गिलगित के रेस्क्यू 1122 ने कहा, "जल आपूर्ति बहाल कर रहे 13 वॉलंटियर्स मलबे में दब गए, जिसके बाद घायलों को अस्पताल भेजा गया।"
रेस्क्यू 1122 ने यह भी बताया कि बहाली कार्य की निगरानी के लिए जिला आपातकालीन अधिकारी (ऑपरेशंस) अब्दुल बासित मौके पर थे।
स्थानीय निवासी मोहम्मद अकबर ने 'डॉन' को बताया कि मृतकों और घायलों को गिलगित और दान्योर के विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया।
इससे पहले, 22 जुलाई को भी दान्योर नाले में जल की तेज बहाव ने रिहायशी क्षेत्रों को डुबो दिया था। साथ ही, फसलों के लिए उपयोग होने वाली सिंचाई चैनलों को भी नुकसान पहुंचा। इस बाढ़ ने लिंक रोड और झूला पुल को भी क्षतिग्रस्त किया, जिससे प्रभावित क्षेत्रों का सड़क संपर्क टूट गया था।
स्थानीय निवासी हुसैन अकबर शाह ने बताया कि दान्योर के हजारों निवासी पीने और सिंचाई के जल की कमी से जूझ रहे हैं। यह घाटी इसी नहर पर निर्भर है।
जीबी सरकार के प्रवक्ता फैजुल्लाह फराक ने बताया कि कुल 15 वॉलंटियर्स में से सात की मृत्यु की पुष्टि की है। गिलगित के अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है।
दूसरी ओर, लोगों ने इस घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए दान्योर चौक पर प्रदर्शन किया। क्षेत्र के निवासियों ने बताया कि बार-बार आश्वासन देने के बावजूद सरकार बाधित जल आपूर्ति को बहाल करने में असफल रही है।