क्या पाकिस्तान सेना समर्थित डेथ स्क्वॉड ने एक और बलूच किशोर की हत्या की?

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क्या पाकिस्तान सेना समर्थित डेथ स्क्वॉड ने एक और बलूच किशोर की हत्या की?

सारांश

बलूचिस्तान में पाकिस्तान सेना समर्थित डेथ स्क्वॉड द्वारा एक और बलूच किशोर की हत्या ने मानवाधिकार संगठनों के बीच हलचल पैदा कर दी है। यह घटना बलूचिस्तान में जारी हिंसा और दमन के खतरे को उजागर करती है। क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर कार्रवाई करेगा?

Key Takeaways

  • पाकिस्तान सेना द्वारा समर्थित डेथ स्क्वॉड की मौजूदगी
  • बलूच किशोर की नृशंस हत्या
  • मानवाधिकार संगठनों की कड़ी निंदा
  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील
  • नागरिक अधिकारों का उल्लंघन

क्वेटा, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कई मानवाधिकार संगठनों ने शनिवार को बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा समर्थित डेथ स्क्वॉड द्वारा एक बलूच किशोर की हत्या की कड़ी निंदा की है। ये स्क्वॉड पूरे प्रांत में छात्रों, कार्यकर्ताओं और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाते रहते हैं।

बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाईसी) ने बताया कि केच जिले के निवासी इजहार मुजीब की पाकिस्तानी सेना समर्थित डेथ स्क्वॉड ने मांड क्षेत्र में दिन के समय गोली मारकर हत्या कर दी।

रिपोर्टों का हवाला देते हुए मानवाधिकार संस्था ने बताया कि डेथ स्क्वॉड ने इजहार पर सुबह उस समय गोलियां चलाईं जब वह अपनी दुकान पर था। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उसकी मृत्यु हो गई।

इस भयावह घटना की निंदा करते हुए बलूच वॉयस फॉर जस्टिस (बीवीजे) ने कहा, "बलूचिस्तान में जबरन गायब किए जाने, न्यायेतर हत्याओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले और लक्षित हत्याओं की घटनाएं बलूच लोगों के जारी नरसंहार के स्पष्ट संकेत हैं।"

राइट्स बॉडी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तानी सेना द्वारा बलूच नागरिकों के खिलाफ की जा रही व्यापक हिंसा और दमन पर तुरंत ध्यान देने का आह्वान किया।

बलूच राष्ट्रीय आंदोलन के मानवाधिकार विभाग, पांक के अनुसार, बलूच किशोर की नृशंस हत्या पाकिस्तान सेना समर्थित डेथ स्क्वॉड द्वारा की गई हिंसा के एक व्यापक पैटर्न को दर्शाती है।

इसमें कहा गया है कि अकेले अगस्त 2025 में बलूचिस्तान में इसी तरह के मानवाधिकार उल्लंघनों में वृद्धि देखी गई, जिसमें खुजदार में दो युवकों, नईम शाय और इकबाल हकीम, की डेथ स्क्वॉड द्वारा न्यायेतर हत्याएं, बड़े पैमाने पर जबरन गायब, महिलाओं और बच्चों का उत्पीड़न करते हुए अपहरण, और पाकिस्तान सरकार द्वारा इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाना शामिल है, जिससे असहमति और सूचना तक पहुंच बाधित हुई।

पांक ने कहा, "हाल के महीनों में सैकड़ों जबरन गायब और दर्जनों हत्याओं को उजागर करने वाली रिपोर्टों में दर्ज ये घटनाएं राज्य प्रायोजित आतंक के एक व्यवस्थित अभियान को रेखांकित करती हैं।"

राइट्स बॉडी ने पाकिस्तानी अधिकारियों से इन अभियानों को तुरंत बंद करने, इजहार की मौत और सभी संबंधित मामलों की स्वतंत्र जांच करने और बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के और अधिक हनन को रोकने के लिए अपराधियों को जवाबदेह ठहराने का आग्रह किया।

Point of View

बल्कि यह एक व्यापक समस्या का भी हिस्सा है। हमें चाहिए कि हम इस मुद्दे पर ध्यान दें और अपनी आवाज उठाएं। यह सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसी घटनाओं के खिलाफ खड़े हों।
NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

पाकिस्तान सेना समर्थित डेथ स्क्वॉड कौन हैं?
ये समूह बलूचिस्तान में छात्रों, कार्यकर्ताओं और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाते हैं।
इस हत्या की अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया क्या है?
मानवाधिकार संगठनों ने इस हत्या की कड़ी निंदा की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई की अपील की है।
क्या बलूचिस्तान में ऐसे और मामले हुए हैं?
हाँ, बलूचिस्तान में पिछले कुछ वर्षों में कई न्यायेतर हत्याएं और जबरन गायब होने की घटनाएं हुई हैं।