क्या श्रीलंकाई सांसद ने अमेरिकी टैरिफ मुद्दे पर भारत का समर्थन किया?

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क्या श्रीलंकाई सांसद ने अमेरिकी टैरिफ मुद्दे पर भारत का समर्थन किया?

सारांश

श्रीलंकाई सांसद हर्षा डी सिल्वा ने भारत के साहसिक रुख का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सहयोग ने श्रीलंका को मुश्किल समय में साथ दिया है। यह बयान अमेरिकी टैरिफ विवाद के बीच महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं इस संबंध में और क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • भारत का साहस एशिया के लिए प्रेरणा है।
  • श्रीलंका की मदद में भारत का योगदान महत्वपूर्ण है।
  • अमेरिकी टैरिफ विवाद के बीच समर्थन की आवश्यकता है।
  • साझेदारी का महत्व समय के साथ बढ़ा है।
  • विश्वसनीयता और संबंध को प्राथमिकता दें।

कोलंबो, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। श्रीलंका के सांसद और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हर्षा डी सिल्वा ने अमेरिकी टैरिफ के मामले में भारत के रुख का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भारत का साहसिक रुख पूरी एशिया को प्रेरित करता है।

उन्होंने अपने देशवासियों से अनुरोध किया कि वे भारत के प्रति सम्मानजनक दृष्टिकोण अपनाएं, विशेष रूप से मौजूदा अमेरिकी टैरिफ विवाद के संदर्भ में।

संसद में अपने भाषण के दौरान, सिल्वा ने याद दिलाया कि जब श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था संकट में थी, तब भारत ही सबसे पहले मदद के लिए आगे आया था। उन्होंने कहा, "जब हम कठिनाई में थे, भारत हमारे साथ खड़ा था। इसलिए जब वे इस संकट का सामना कर रहे हैं, तो उनका मजाक मत उड़ाइए। हमें टैरिफ 15 प्रतिशत पर लाने की उम्मीद थी, और यह उम्मीद हमें भी थी।"

यह बयान उस समय आया है जब ट्रंप ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने इसे भारत द्वारा रूसी तेल की लगातार खरीद का परिणाम बताया, जबकि भारत ने इसे "अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यावहारिक" करार दिया है।

सिल्वा ने अपने संसदीय भाषण का एक वीडियो भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा किया और लिखा, "श्रीलंकाई संसद में सरकार को चेताया कि भारत के साहसिक रुख का मजाक उड़ाना गलत है। भारत, हमारा सच्चा सहयोगी, कठिन समय में हमारे साथ खड़ा रहा। हमें उनके संघर्ष का सम्मान करना चाहिए, न कि उनका मजाक उड़ाना चाहिए।"

भारत-श्रीलंका संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव पर आधारित हैं। वर्तमान में यह रिश्ता एक मजबूत आर्थिक, सांस्कृतिक और तकनीकी साझेदारी में बदल चुका है। श्रीलंका भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और दोनों देशों के बीच का विश्वास और सहयोग समय की कसौटी पर खरा उतरा है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस साल की शुरुआत में कहा था, "भारत ने हमेशा कठिन समय में श्रीलंका की मदद की है। आर्थिक स्थिरीकरण और पुनरुद्धार में भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।"

श्रीलंकाई विदेश मंत्री विजिता हेराथ ने भी भारत को "विश्वसनीय साझेदार" बताते हुए कहा कि 2022 में भारत ने लगभग 4 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता दी और सर्वप्रथम आईएमएफ को वित्तीय आश्वासन दिया। इस मदद के बिना, देश की आर्थिक सुधार प्रक्रिया इतनी तेज नहीं होती।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत और श्रीलंका के बीच का संबंध न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि वर्तमान में यह भौगोलिक और आर्थिक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। श्रीलंकाई सांसद का भारत के प्रति यह समर्थन यह दर्शाता है कि संकट के समय में मित्रता का महत्व क्या होता है।
NationPress
11/08/2025

Frequently Asked Questions

श्रीलंकाई सांसद ने भारत का समर्थन क्यों किया?
उन्होंने अमेरिका के टैरिफ विवाद के बीच भारत के साहसिक रुख का समर्थन किया है।
भारत ने श्रीलंका की मदद कैसे की?
भारत ने श्रीलंकाई संकट के समय मदद का हाथ बढ़ाया और आर्थिक स्थिरीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।