क्या पाकिस्तान में बच्चों पर यौन हिंसा में खतरनाक वृद्धि हो रही है?

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क्या पाकिस्तान में बच्चों पर यौन हिंसा में खतरनाक वृद्धि हो रही है?

सारांश

पाकिस्तान में बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों में वृद्धि ने सभी को चिंतित कर दिया है। एक अल्पसंख्यक अधिकार समूह ने इस समस्या को गंभीरता से उठाया है। क्या पाकिस्तान में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा?

Key Takeaways

  • बाल यौन हिंसा के मामलों में वृद्धि
  • सरकार की उदासीनता
  • शिक्षा और सुधार की आवश्यकता
  • सामाजिक कलंक का डर
  • मदरसों की जिम्मेदारी

इस्लामाबाद, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एक प्रमुख अल्पसंख्यक अधिकार समूह ने शनिवार को पाकिस्तान में बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा में खतरनाक वृद्धि पर चिंता व्यक्त की और इसे कमजोर जीवन की सुरक्षा में पाकिस्तानी अधिकारियों की पूर्ण विफलता बताया।

वॉयस ऑफ पाकिस्तान माइनॉरिटी (वीओपीएम) के अनुसार, 2025 के पहले छह महीनों में ही 2,130 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 103 बच्चों की मौत हुई। मानवाधिकार संस्था ने बताया कि 2018 और 2023 के बीच बाल यौन शोषण के 22,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। अकेले 2022 में ही 4,253 बच्चे यौन हिंसा का शिकार हुए। यानी हर दिन औसतन 12 केस दर्ज किए गए। 2023 में यह संख्या बढ़कर 4,850 हो गई और 2024 में 4,700 मामले दर्ज किए गए।

वीओपीएम ने कहा, "शायद इससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि ये दुर्व्यवहार न सिर्फ सार्वजनिक जगहों पर हो रहे हैं, बल्कि उन जगहों पर भी हो रहे हैं जिन्हें शरणस्थल होना चाहिए। अनुमान है कि दर्ज मामलों में से 10-15 प्रतिशत धार्मिक मदरसों में होते हैं। बाकी मामले बच्चों के घरों में, अक्सर रिश्तेदारों, पड़ोसियों या भरोसेमंद परिचितों के हाथों होते हैं। यह इस मुद्दे की गहरी जड़ें और समाज में इसकी व्यापक पहुंच को दर्शाता है।"

वीओपीएम ने कहा, "इसके बावजूद, राज्य की प्रतिक्रिया बेहद अपर्याप्त रही है। अदालत में मामले अनिश्चितकाल तक चलते रहते हैं, कानून प्रवर्तन अधिकारी अक्सर भ्रष्टाचार और अनुचित दबाव के कारण कार्रवाई करने से बचते हैं और पीड़ितों के परिवारों को चुपचाप सहने के लिए छोड़ दिया जाता है। कई लोग सामाजिक कलंक और आगे भी उत्पीड़न की संभावना के डर से न्याय मांगने से डरते हैं।"

वीओपीएम ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान में उदासीनता की व्यवस्था न सिर्फ पीड़ितों को निराश कर रही है, बल्कि अपराधियों को भी प्रोत्साहित कर रही है, जिससे वे बार-बार हमले कर रहे हैं।

रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया कि पाकिस्तान के मदरसों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, स्पष्ट निगरानी और सुधारों के साथ यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे इस तरह के अत्याचारों के लिए प्रजनन स्थल न बनें। साथ ही, बच्चों के लिए पोषण और सुरक्षित वातावरण बनाने में परिवारों का समर्थन किया जाना चाहिए।

इस साल की शुरुआत में इस्लामाबाद स्थित एडवोकेसी समूह सस्टेनेबल सोशल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (एसएसडीओ) ने 'पाकिस्तान में बच्चों के खिलाफ हिंसा पर 2024 में मानचित्रण अध्ययन' शीर्षक से अपने प्रकाशन में बच्चों के खिलाफ हिंसा में भारी वृद्धि दर्ज की थी। 2024 में देश भर में 7,608 मामले दर्ज किए गए थे, जो औसतन प्रतिदिन 21 घटनाएं हैं।

इस रिपोर्ट में पाकिस्तान की कानूनी व्यवस्था में गंभीर कमियों को उजागर करते हुए बाल संरक्षण संकट की गहरी जड़ें दिखाई गईं, जहां अधिकांश प्रकार के दुर्व्यवहारों में दोषसिद्धि दर एक प्रतिशत से भी कम है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दें। बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए और हमें हर संभव कदम उठाना चाहिए ताकि वे सुरक्षित रहें।
NationPress
06/09/2025

Frequently Asked Questions

पाकिस्तान में बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा की स्थिति क्या है?
पाकिस्तान में बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 2023 में 4,850 मामले दर्ज किए गए, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
बाल यौन शोषण के मामलों में सुधार के लिए सरकार क्या कर रही है?
सरकार के स्तर पर स्थिति में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। मौजूदा कानूनों में सुधार और प्रभावी निगरानी की आवश्यकता है।