क्या अलास्का में ट्रंप और पुतिन की बैठक से यूक्रेन युद्धविराम की उम्मीदें बढ़ेंगी?

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क्या अलास्का में ट्रंप और पुतिन की बैठक से यूक्रेन युद्धविराम की उम्मीदें बढ़ेंगी?

सारांश

यूक्रेन युद्ध में शांति की संभावनाओं को लेकर ट्रंप और पुतिन के बीच अलास्का में महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। क्या यह बैठक युद्धविराम की ओर एक नया मोड़ ला सकेगी? जानिए पूरी जानकारी इस लेख में।

Key Takeaways

  • बैठक यूक्रेन युद्धविराम पर केंद्रित है।
  • भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क रूस से तेल खरीदने के कारण है।
  • ट्रंप और पुतिन के बीच संवाद आवश्यक है।
  • बैठक का स्थान अलास्का है, जो रूस के करीब है।
  • समझौता जटिल हो सकता है, लेकिन शांति की संभावना है।

न्यूयॉर्क, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यूक्रेन युद्ध में युद्ध विराम की संभावनाओं के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अगले शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का ऐलान किया है। यह मुलाकात उस समय हो रही है जब अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जो रूस से तेल खरीदने के कारण है।

तीन दिनों की तेजी से बदलती घटनाओं के बाद, ट्रंप ने शुक्रवार को ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, "मेरी और पुतिन की लंबे समय से प्रतीक्षित बैठक अगले शुक्रवार, 15 अगस्त 2025, को अमेरिका के अलास्का राज्य में होगी।" उन्होंने कहा कि आगे की जानकारी जल्द साझा की जाएगी।

यह घोषणा इस कारण से चौंकाने वाली थी क्योंकि गुरुवार को ट्रंप ने कहा था कि वे पुतिन से "बहुत निराश" हैं, हालाँकि उन्होंने बातचीत में प्रगति की भी बात कही थी। पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन शांति चाहते हैं और यूक्रेन के राष्ट्रपति भी अब शांति चाहते हैं। हाल की घटनाएं इस दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर सकती हैं।" उन्होंने भारत से जुड़े मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की, जो संभवतः 25 प्रतिशत शुल्क के मुद्दे से संबंधित था।

बुधवार को ट्रंप ने भारत का नाम लेकर कहा था कि रूस से तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। इसे रूस पर आर्थिक दबाव डालने का प्रयास माना गया, ताकि भारत मास्को को तेल से होने वाली आय कम कर सके।

इस बीच, बैठक की तैयारी के लिए पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और अमेरिका के साथ यूक्रेन पर हुई बातचीत की जानकारी साझा की। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि "भारत और रूस के विशेष संबंधों को देखते हुए, पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीवन विटकॉफ से हुई बैठक के मुख्य नतीजे साझा किए।" भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि "प्रधानमंत्री ने पुतिन का धन्यवाद किया और भारत की राय दोहराई कि विवाद का हल शांति से होना चाहिए।"

शुक्रवार को ट्रंप द्वारा रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की अंतिम तारीख थी, जिसमें रूस से ऊर्जा खरीदने वाले देशों पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाने की बात थी। लेकिन अब बैठक तय होने के कारण उन्होंने नए प्रतिबंध नहीं लगाए।

रूसी प्रवक्ता यूरी उशाकोव ने भी बैठक की पुष्टि की और कहा, "रूस और अमेरिका पड़ोसी देश हैं, इसलिए दोनों देशों के नेताओं की इतनी महत्वपूर्ण और लंबे समय से प्रतीक्षित बैठक का यहाँ होना बिल्कुल स्वाभाविक है।"

अलास्का रूस से लगभग 90 किलोमीटर दूर है, जो बेरिंग जलडमरूमध्य द्वारा अलग होता है।

ट्रंप का कहना है कि उनकी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई और शांति की "बहुत अच्छी संभावना" है।

हालांकि युद्धविराम जल्द ही हो सकता है, लेकिन समझौता जटिल होने की संभावना है। ट्रंप ने इस बात को स्वीकार किया और कहा कि जेलेंस्की "किसी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए" आवश्यक सभी चीजें प्राप्त करने के लिए "कड़ी मेहनत" कर रहे हैं।

वहीं, क्षेत्रीय मुद्दों के अलावा, पुतिन की यह भी मांग है कि यूक्रेन कभी भी नाटो में शामिल न हो, और जेलेंस्की अमेरिका या नाटो से यह गारंटी चाहते हैं कि रूस युद्ध फिर से शुरू न करे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि युद्धविराम की संभावनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन जटिलताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। दोनों देशों के नेताओं के बीच संवाद आवश्यक है ताकि क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। हमें उम्मीद है कि यह बैठक सकारात्मक परिणाम लाएगी।
NationPress
09/08/2025

Frequently Asked Questions

ट्रंप और पुतिन की बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन युद्ध में युद्धविराम पर चर्चा करना है।
भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क क्यों लगाया गया?
यह शुल्क रूस से तेल खरीदने के कारण लगाया गया है, जिससे रूस पर आर्थिक दबाव बनाया जा सके।
बैठक का स्थान कौन सा है?
बैठक का स्थान अमेरिका का अलास्का राज्य है।
क्या युद्धविराम की संभावना है?
हालांकि युद्धविराम की संभावनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन कई जटिलताएँ भी हैं।
पुतिन की प्रमुख मांग क्या है?
पुतिन की मांग है कि यूक्रेन कभी भी नाटो में शामिल न हो।