क्या यमन के हूतियों ने डब्ल्यूएफपी के कर्मचारियों को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- हूती समूह ने डब्ल्यूएफपी के कर्मचारियों को गिरफ्तार किया।
- गिरफ्तारियों की पुष्टि सुरक्षा और मानवीय स्रोतों ने की है।
- यमन में संयुक्त राष्ट्र की रिहाई की बार-बार अपीलें की गई हैं।
- यमन में मानवता संकट बढ़ता जा रहा है।
- यमन 2014 से गृहयुद्ध में है।
अदन, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यमन की राजधानी सना में हूती समूह ने संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के कई कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। सुरक्षा और मानवीय स्रोतों ने सिन्हुआ से इस घटना की पुष्टि की।
रिपोर्ट के अनुसार, एक स्थानीय सुरक्षा अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि रविवार को संगठन के सना स्थित मुख्यालय से एक डब्ल्यूएफपी कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया, जबकि कई अन्य को लाल सागर के बंदरगाह शहर होदेइदाह स्थित कार्यालय से हिरासत में लिया गया।
डब्ल्यूएफपी के एक स्रोत ने बताया कि गिरफ्तारियों की पुष्टि करते हुए कहा कि सना मुख्यालय में कार्यरत तीन सुरक्षा गार्डों को भी उस समय हिरासत में लिया गया जब हूती बलों ने इमारत पर धावा बोला।
स्रोत ने कहा, "हमें उन कर्मचारियों की जानकारी नहीं है, जो छापेमारी के दौरान कार्यालय के अंदर थे।"
उन्होंने यह भी खुलासा किया, "हूती वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के कई कर्मचारियों को पूछताछ के लिए सना स्थित एजेंसी के मुख्यालय के तहखाने में बंद करके रखे हुए हैं।"
गुरुवार को सना पर हुए इजरायली हवाई हमले में हूती समर्थित सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी और कई अन्य मंत्रियों की मौत के बाद, यमन के सूत्रों ने बताया कि हूती खुफिया अधिकारियों ने राजधानी और अन्य क्षेत्रों में दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें कई स्थानीय मानवीय कार्यकर्ता और अंतर्राष्ट्रीय सहायता संगठनों के कर्मचारी भी शामिल हैं।
इन लोगों पर इजरायल के साथ सहयोग करने का संदेह है। संयुक्त राष्ट्र की उनकी रिहाई की बार-बार अपील के बावजूद, जून 2024 से हूतियों ने दर्जनों संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों और सहायता संगठन के कर्मियों को बंधक बना रखा है।
रविवार की गिरफ्तारियों के बारे में हूती समूह की ओर से तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) युद्धग्रस्त यमन में कार्यरत सबसे बड़ी मानवीय एजेंसियों में से एक है। यहाँ वर्षों से चल रहे संघर्ष ने एक ऐसी स्थिति को जन्म दिया है, जिसे संयुक्त राष्ट्र दुनिया के सबसे बुरे मानवीय संकटों में से एक बताता है।
यमन 2014 से गृहयुद्ध में घिरा हुआ है, जब हूती बलों ने राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद 2015 में सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने हस्तक्षेप किया था।