क्या हूती कोर्ट ने यमन के 18 यूएन सहायताकर्मियों को मौत की सजा सुनाई?
सारांश
Key Takeaways
- हूती कोर्ट ने 18 यूएन सहायता कर्मचारियों को मौत की सजा सुनाई।
- इन कर्मचारियों को इजरायल के लिए जासूसी करने का दोषी पाया गया।
- यमन में मानवीय संकट और बढ़ सकता है।
- संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने इस फैसले की निंदा की है।
- यह स्थिति यमन में सुरक्षा और मानवाधिकारों के लिए चिंताजनक है।
सना, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। यमन की राजधानी सना में हूती द्वारा संचालित अदालत ने 18 सहायता कर्मचारियों को मौत की सजा सुनाई है। ये कर्मचारी संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसियों के लिए काम कर रहे थे और इन्हें इजरायल के लिए जासूसी करने का दोषी पाया गया।
अदालत के फैसले में यह कहा गया है कि दोषियों को सना में एक सार्वजनिक स्थान पर फायरिंग स्क्वाड द्वारा सजा दी जाएगी। इसके अलावा एक महिला समेत दो अन्य लोगों को इसी मामले में 10 साल की जेल की सजा भी दी गई है।
स्थानीय समय अनुसार शनिवार को हूती संचालित अल-मसीरा टीवी पर इस फैसले की जानकारी दी गई, जिसमें अदालत ने बताया कि इन 18 लोगों ने हूती नेताओं की गतिविधियों के अलावा राजनीतिक, सैन्य और सुरक्षा मामलों से जुड़े रहस्यों को इजरायल, अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब को लीक किया।
इनमें से कई ने मिसाइल स्थानों और उनके भंडारण की जानकारी भी दी। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा कि दोषियों ने इस कार्य के लिए कई नागरिकों को भर्ती किया, सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए और इसके बदले में पैसे लिए। इसके परिणामस्वरूप कई नागरिक क्षेत्रों में सैन्य हमले हुए, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए।
अगस्त में, इजरायल ने ताबड़तोड़ एयर स्ट्राइक की थी, जो हूती द्वारा की गई मिसाइल और ड्रोन हमलों का जवाब थी। इस हमले में कई हूती अधिकारी मारे गए।
इसके जवाब में, हूती ने कई संयुक्त राष्ट्र सहायता एजेंसियों के कार्यालयों को निशाना बनाया और कई यमनी सहायता कर्मचारियों को हिरासत में लिया। शनिवार को इन्हें मौत की सजा सुनाई गई।
फिलहाल, अक्टूबर 2023 से हूती ने गाजा में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजराइल पर हमले करना शुरू किया था, जिसके जवाब में इजराइल ने भी मुंहतोड़ कार्रवाई की।
पिछले हफ्ते, अल-मसीरा टीवी ने एक फुटेज प्रदर्शित की जिसमें यमन के कर्मचारी अपने अपराध स्वीकार करते दिख रहे थे। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हूती की कड़ी निंदा की और सभी यमनी सहायता कर्मचारियों को तुरंत रिहा करने की मांग की है।