क्या इमरान खान ने जेल से 'मौत या रिहाई' मांगी? कोहाट में गूंजा 'हकीकी आजादी' का नारा
सारांश
Key Takeaways
- इमरान खान का जेल से 'मौत या रिहाई' का संदेश महत्वपूर्ण है।
- कोहाट में आयोजित रैली ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।
- हकीकी आजादी का नारा समर्थकों में जोश भरता है।
- अफरीदी का नेतृत्व राजनीतिक संघर्ष में महत्वपूर्ण है।
- जेल प्रशासन की कार्रवाई से इमरान खान का मामला और जटिल हो गया है।
इस्लामाबाद, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान में इमरान खान की आवाज को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य मुहम्मद सोहेल अफरीदी कर रहे हैं। अफरीदी, जो केपी यानी खैबर पख्तूनख्वा के वजीर-ए-आला हैं, ने रविवार को कोहाट में एक रैली का आयोजन किया। इस रैली में आम जनता और पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ के हजारों समर्थक उपस्थित हुए। यहीं पर हकीकी आजादी का नारा गूंजा।
अफरीदी ने पीटीआई समर्थकों से कहा कि यदि विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया जाता है तो "तैयार रहें," और कहा कि "हम देश के मौजूदा शासकों के साथ मिलकर अपनी हकीकी आजादी (असल आजादी) हासिल करेंगे।"
उन्होंने भीड़ को याद दिलाया कि जेल में बंद पीटीआई संस्थापक इमरान खान ने जेल से "आजादी या मौत" का संदेश भेजा था।
प्रमुख मीडिया हाउस डॉन के अनुसार, उन्होंने कहा, "तो अगर हम इस बार जाते हैं, तो हम या तो कफन में लौटेंगे या आजादी लेकर।" उन्होंने आगे कहा कि इमरान ने सरकार से बातचीत या विरोध प्रदर्शन जैसे फैसले लेने की जिम्मेदारी पख्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) के चेयरमैन महमूद खान अचकजई और सीनेटर अल्लामा राजा नासिर अब्बास को दी है।
ये दोनों नेता पीटीआई के साथ विपक्षी गठबंधन तहरीक-ए-तहफ्फुज आईन-ए-पाकिस्तान (टीटीएपी) का हिस्सा हैं, जिसने उन्हें नेशनल असेंबली और सीनेट में विपक्ष के नेता के रूप में भी नामित किया है।
अफरीदी ने कहा, "मेरी तरफ से, मैंने उनसे मुलाकात की और उन्हें हर तरह के समर्थन का आश्वासन दिया।"
उन्होंने आगे कहा, "तो जब भी उनकी तरफ से कोई बुलावा आए, आपको तैयार रहना होगा। और हम मिलकर उनसे (देश के मौजूदा शासकों से) हकीकी आजादी हासिल करेंगे।"
पीटीआई नेता मानते हैं कि "सभी संस्थान और सरकार हमारे दल को खत्म करना चाहते हैं।"
हाल ही में वजीर-ए-आला बनाए गए अफरीदी बेहद आक्रामक अंदाज में अपनी बात उठाते हैं। चर्चा में तब और आए जब अदियाला जेल प्रशासन ने बृहस्पतिवार को दसवीं बार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान से मिलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। अदियाला जेल पहुंचने पर पुलिस ने मुख्यमंत्री को बताया कि मुलाकात की इजाजत नहीं दी जा सकती।