क्या ईरान पाक-अफगान तनाव कम करने में मदद के लिए तैयार है?

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क्या ईरान पाक-अफगान तनाव कम करने में मदद के लिए तैयार है?

सारांश

तेहरान और काबुल के बीच बातचीत से यह स्पष्ट हो रहा है कि ईरान तनाव कम करने के लिए गंभीर है। क्या यह प्रयास सफल होंगे? जानिए इस महत्वपूर्ण वार्ता के पीछे की बातें और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • ईरान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत हुई।
  • सीमा सुरक्षा और जल अधिकारों पर चर्चा की गई।
  • संयम और संघर्ष समाधान के लिए बातचीत पर जोर दिया गया।
  • तालिबान ने क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता बताई।
  • ईरान ने तनाव कम करने में मदद का आश्वासन दिया।

तेहरान, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी और ईरानी समकक्ष सईद अब्बास अराघची ने शनिवार को काबुल और इस्लामाबाद के बीच बढ़ते तनाव के संदर्भ में टेलीफोन पर चर्चा की।

दोनों मंत्रियों ने अराघची के साथ क्षेत्रीय घटनाक्रमों और द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और संयम, संघर्षों को सुलझाने के लिए बातचीत, हेलमंद नदी पर सहयोग, सीमा सुरक्षा और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया।

इस बातचीत के दौरान, अराघची ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हालिया झड़पों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने दोनों पक्षों से संयम बनाए रखने और शत्रुता को समाप्त करने की अपील की, यह कहते हुए कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच चल रहा तनाव न केवल मानवीय नुकसान का कारण बनेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता को भी प्रभावित करेगा।

ईरान की प्रमुख समाचार एजेंसी मेहर की रिपोर्ट के अनुसार, "ईरानी विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और रचनात्मक बातचीत को सुगम बनाने में मदद के लिए तेहरान की तत्परता की पुष्टि की। मंत्री मुत्ताकी ने अराघची को नवीनतम घटनाक्रम से अवगत कराया और इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान का इस्लामी अमीरात सैन्य टकराव के बजाय बातचीत और शांति का पक्षधर है।"

इसमें आगे कहा गया, "दोनों मंत्रियों ने हेलमंद नदी के जल अधिकारों के मुद्दे पर भी चर्चा की, और मौजूदा जल समझौतों को बनाए रखने, तकनीकी सहयोग बढ़ाने और जल संसाधनों का संयुक्त प्रबंधन करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके और चालू मौसम के दौरान ईरान का उचित हिस्सा सुनिश्चित किया जा सके।"

शुक्रवार को, ईरान और अफगानिस्तान के अधिकारियों ने काबुल में दोनों पड़ोसी देशों के बीच सुरक्षा सहयोग और साझा सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों पर चर्चा की।

काबुल में आयोजित इस बैठक में अफगानिस्तान में ईरान के राजदूत अलीरेजा बिकदेली, ईरानी विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशिया के महानिदेशक मोहम्मद रजा बहरामी और तालिबान के गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने भाग लिया।

तस्नीम समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, "बातचीत दोनों पड़ोसी देशों के बीच सुरक्षा सहयोग और सीमा मुद्दों पर केंद्रित रही। दोनों पक्षों ने मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने और साझा सीमा पर समन्वय बढ़ाने के संयुक्त प्रयासों पर भी विस्तृत विचार-विमर्श किया। ईरानी प्रतिनिधिमंडल ने साझा सीमाओं पर स्थिरता बनाए रखने और आपसी समझ एवं सहयोग की भावना से मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत जारी रखने के महत्व पर जोर दिया। हक्कानी ने क्षेत्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया और कहा कि तालिबान सभी देशों, खासकर अपने पड़ोसियों के साथ आपसी सम्मान पर आधारित अच्छे संबंध चाहता है।"

Point of View

यह वार्ता न केवल ईरान और अफगानिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए भी आवश्यक है। संवाद और सहयोग के माध्यम से ही समस्याओं का समाधान संभव है।
NationPress
18/10/2025

Frequently Asked Questions

ईरान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच क्या चर्चा हुई?
ईरान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों ने सीमा सुरक्षा, जल अधिकारों और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।
ईरान ने तनाव कम करने में कैसे मदद करने की पेशकश की?
ईरान ने बातचीत को सुगम बनाने और संयम बनाए रखने की पेशकश की।
क्या तालिबान ईरान के साथ संबंधों में सुधार चाहता है?
हाँ, तालिबान ने सभी देशों के साथ आपसी सम्मान पर आधारित अच्छे संबंधों की इच्छा जताई है।