क्या ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के लिए कूटनीति महत्वपूर्ण है?

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क्या ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के लिए कूटनीति महत्वपूर्ण है?

सारांश

संयुक्त राष्ट्र की राजनीतिक मामलों की अंडर-सेक्रेटरी रोजमेरी डिकार्लो ने कहा है कि ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की शांतिपूर्ण प्रकृति को सुनिश्चित करने के लिए कूटनीति और बातचीत अत्यंत आवश्यक हैं। क्या यह कूटनीति ईरान में शांति लाएगी?

Key Takeaways

  • ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की शांति सुनिश्चित करने के लिए कूटनीति आवश्यक है।
  • प्रस्ताव 2231 के कार्यान्वयन की चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
  • युद्धविराम समझौता संभावित तनाव को कम कर सकता है।
  • संवाद और सत्यापन का महत्व है।
  • संयुक्त राष्ट्र शांति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

संयुक्त राष्ट्र, २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक मामलों की अंडर-सेक्रेटरी रोजमेरी डिकार्लो ने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की शांतिपूर्ण प्रकृति को सुनिश्चित करने के लिए कूटनीति और बातचीत की आवश्यकता पर बल दिया है।

'सिन्हुआ न्यूज एजेंसी' के अनुसार, सिक्योरिटी काउंसिल को उसके प्रस्ताव 2231 के कार्यान्वयन पर जानकारी देते हुए डिकार्लो ने चिंता व्यक्त की कि इस प्रस्ताव की शर्तों की समाप्ति में अब चार महीने से कम समय बचा है, लेकिन इसके उद्देश्य और ईरानी न्यूक्लियर डील के लक्ष्य अभी तक पूरी तरह से हासिल नहीं हुए हैं।

प्रस्ताव 2231, वर्ष 2015 में ईरान और छह विश्व शक्तियों (ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अमेरिका) के बीच हुई न्यूक्लियर डील का समर्थन करता है।

रोजमेरी डिकार्लो ने कहा कि ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को पूरी तरह से शांतिपूर्ण बनाने के लिए 2015 के ग्रीष्मकाल में अपनाई गई न्यूक्लियर डील ने शुरू से ही कई चुनौतियों का सामना किया है। इनमें 2018 में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका का एग्रीमेंट से हटना भी शामिल है।

पिछले कुछ महीनों में, इस समझौते के प्रतिभागियों, जिसे औपचारिक रूप से संयुक्त समग्र कार्य योजना (जेसीपीओए) कहा जाता है, ने इस योजना के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए आगे का रास्ता खोजने की कोशिश की है।

इसके अलावा, ईरान और अमेरिका ने ओमान की मध्यस्थता में पांच दौर की द्विपक्षीय वार्ता में भाग लिया। डिकार्लो ने कहा, "दुर्भाग्यवश, इन प्रयासों में से कोई भी ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की शांतिपूर्ण प्रकृति सुनिश्चित करने के लिए ठोस रास्ता नहीं निकाल सका।"

डिकार्लो ने कहा कि 13 जून के बाद से इजरायल और ईरान के बीच सैन्य तनाव, और शनिवार (न्यूयॉर्क समयानुसार) को ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिका के हवाई हमलों ने प्रस्ताव 2231 के पूर्ण कार्यान्वयन की संभावनाओं को और कठिन बना दिया है। सोमवार को कतर स्थित एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ईरान के हमले ने पहले से ही तनावपूर्ण क्षेत्र में असुरक्षा की स्थिति को और बढ़ा दिया है।

रोजमेरी डिकार्लो ने कहा कि सोमवार को अमेरिका के कतर के साथ समन्वय में इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम समझौते की घोषणा एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो संभावित रूप से ईरान, इजरायल और पूरे क्षेत्र को टकराव के कगार से वापस खींच सकती है।

डिकार्लो के अनुसार बीते 12 दिन संघर्ष के बाद, युद्धविराम समझौता एक खतरनाक मंजर से बचने और ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम का शांतिपूर्ण समाधान हासिल करने का एक मौका है।

उन्होंने कहा, "ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की विशेष रूप से शांतिपूर्ण प्रकृति सुनिश्चित करने और ईरान के लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए कूटनीति, संवाद और सत्यापन सबसे अच्छा विकल्प है। संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र में शांति, संवाद और स्थिरता को बढ़ावा देने वाले सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है।"

दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा का स्वागत किया है। गुटेरेस के प्रवक्ता स्टेफन दुजारिक ने कहा कि गुटेरेस ने इजरायल और ईरान से युद्ध विराम का पूरी तरह से सम्मान करने और लड़ाई बंद करने का आग्रह किया है। दोनों देशों के लोग पहले ही बहुत कुछ झेल चुके हैं।

प्रवक्ता ने कहा, "महासचिव को उम्मीद है कि इस युद्ध विराम को क्षेत्र में अन्य संघर्षों में भी दोहराया जा सकता है।"

Point of View

मैं मानता हूँ कि ईरान का न्यूक्लियर मुद्दा न केवल अंतरराष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे क्षेत्र में स्थिरता और शांति के लिए भी आवश्यक है। कूटनीति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना और सभी पक्षों के साथ संवाद स्थापित करना जरूरी है।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य क्या है?
ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम शांति के उद्देश्यों के लिए है, लेकिन इसके पीछे कई चुनौतियां भी हैं।
क्या ईरान और अमेरिका के बीच वार्ता सफल होगी?
वार्ता की सफलताएँ कई कारकों पर निर्भर करती हैं, लेकिन प्रयास जारी हैं।
युद्धविराम समझौता क्यों महत्वपूर्ण है?
युद्धविराम समझौता क्षेत्र में संघर्ष को कम करने और स्थिरता लाने में मदद कर सकता है।
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