क्या 91 वर्षीय होलोकॉस्ट सर्वाइवर ओल्गा वीसबर्ग की ईरानी मिसाइल हमले में मृत्यु हो गई?

सारांश
Key Takeaways
- ओल्गा वीसबर्ग, 91 वर्षीय होलोकॉस्ट सर्वाइवर, ईरानी मिसाइल हमले में घायल हुई थीं।
- उनका निधन 9 अगस्त को हुआ, जिससे उनके परिवार में शोक की लहर है।
- होलोकॉस्ट के दौरान लाखों यहूदियों की हत्या की गई थी।
- उनका अंतिम संस्कार 10 अगस्त को होगा।
- यह घटना युद्ध के प्रभावों को दर्शाती है।
तेल अवीव, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जून में ईरानी मिसाइल हमले में घायल हुई 91 वर्षीय होलोकॉस्ट सर्वाइवर ओल्गा वीसबर्ग को बचाया नहीं जा सका। इजरायली (हिब्रू) मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शहर पर मिसाइल हमले के लगभग दो महीने बाद, 9 अगस्त की रात को रेहोवोट में उनका निधन हो गया। हाल के दिनों में उनकी स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि वे अचानक बेहोश हो गई थीं।
वे ऑपरेशन "अम कलावी" के दौरान रेहोवोट में ईरानी मिसाइल हमले में गंभीर रूप से घायल हुई थीं।
उनका अंतिम संस्कार रविवार (10 अगस्त) को शाम 5:00 बजे (स्थानीय समयानुसार) रेहोवोट के ग्रोडस्की कब्रिस्तान में होगा। उनके परिवार ने जनता से अपील की है कि वे उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हों। उनके परिवार में एक बेटी, एक पोता, एक परपोता और उनके पति शामिल हैं, जो स्वयं भी होलोकॉस्ट से बच निकले थे।
द इजरायल टाइम्स के अनुसार, 13 जून से 25 जून 2025 के बीच चले संघर्ष में 30 लोग मारे गए थे, जिनमें से एक ही परिवार के 29 सदस्य भी शामिल थे।
ओल्गा एक यहूदी नरसंहार सर्वाइवर थीं। 1933 में जर्मनी में एडोल्फ हिटलर की सत्ता में आने के बाद, उन्होंने अपना नस्लवादी साम्राज्य स्थापित किया। हिटलर की नफरत ने होलोकॉस्ट का रूप लिया, जो पोलैंड में ऑशविच कन्सनट्रेशन कैंप से शुरू हुआ। इस कैंप में लाखों लोगों को धर्म, नस्ल, या शारीरिक कमजोरी के आधार पर गैस चैंबर में भेजा गया। यह कैंप ऐसी जगह था जहाँ से भागना नामुमकिन था। बूढ़ों और बीमारों को भी गैस चैंबर में मौत दी जाती थी।
11 लाख से अधिक यहूदियों ने अभाव और अत्याचार के कारण दुखद मौत का सामना किया। 27 जनवरी 1945 को सोवियत रेड आर्मी ने ऑशविच कैंप में बचे लोगों को आजाद किया था।