क्या जापानी आक्रमण के विरुद्ध प्रतिरोध युद्ध विजय की 80वीं वर्षगांठ ने इतिहास को नया आयाम दिया?

सारांश
Key Takeaways
- इतिहास का स्मरण महत्वपूर्ण है।
- शांति और मित्रता की दिशा में कदम बढ़ाना आवश्यक है।
- आक्रमण के इतिहास का सही मूल्यांकन करना चाहिए।
- भविष्य के लिए एकजुटता जरूरी है।
- युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना चाहिए।
बीजिंग, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जापानी आक्रमण के विरुद्ध चीनी जन प्रतिरोध युद्ध और विश्व फासीवाद-विरोधी युद्ध की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर, नागोया में स्थित चीनी महावाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित "इतिहास का स्मरण, भविष्य का सामना" नामक चीन-जापान शांति एवं मैत्री आदान-प्रदान बैठक का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में चीन और जापान के राजनेताओं, विशेषज्ञों, विद्वानों, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों और युवाओं सहित 140 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
जापान में चीनी दूतावास के मंत्री चाओ पाओकांग ने अपने भाषण में कहा कि चीन शांतिप्रिय जापानी जनता के साथ मिलकर उन सभी गलत शब्दों और कार्यों के विरुद्ध दृढ़ता से लड़ने के लिए तत्पर है, जो आक्रमण के इतिहास को विकृत, महिमामंडित और नकारते हैं। चीन ऐतिहासिक सत्य की रक्षा करते हुए, मानवीय विवेक और न्याय को बनाए रखने का पक्षधर है, और शांति की मशाल को पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
नागोया में चीन की महावाणिज्य दूत यांग श्यैन ने अपने मुख्य भाषण में विश्व फासीवाद-विरोधी युद्ध की विजय में चीन के महत्वपूर्ण योगदान पर जोर दिया।
उन्होंने जापानी समाज के सभी वर्गों के साथ मिलकर इतिहास को याद रखने, उससे सीखने और चीन-जापान संबंधों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करने की चीन की इच्छा व्यक्त की।
जापानी प्रतिनिधि सभा के सदस्य ईसाओ मात्सुदा ने कहा कि इतिहास को याद रखना और भविष्य की ओर देखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इतिहास पर चिंतन करने से शांति बनाए रखने और जापान-चीन संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)