क्या जापानी सांसदों का ताइवान दौरा बीजिंग को भड़का रहा है?

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क्या जापानी सांसदों का ताइवान दौरा बीजिंग को भड़का रहा है?

सारांश

बीजिंग ने जापान के सांसदों के ताइवान दौरे पर कड़ी आपत्ति जताई है। जानिए इस दौरे का क्या असर हो सकता है और इसके पीछे की राजनीति क्या है।

Key Takeaways

  • जापानी सांसदों का ताइवान दौरा चीन के लिए संवेदनशील मुद्दा है।
  • चीन ने इस दौरे पर कड़ी आपत्ति
  • यह दौरा टोक्यो और ताइपे के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए है।
  • चीन का कहना है कि ताइवान चीन का अविभाज्य हिस्सा है।
  • जापान के लिए अपने राजनयिक रिश्तों को संतुलित रखना आवश्यक है।

बीजिंग, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि जापान के सांसदों का हालिया ताइवान दौरा एक भड़काऊ और उकसावे की नीति का परिणाम है। मंत्रालय ने जानकारी दी है कि बीजिंग ने इस मामले पर जापानी पक्ष से अपनी आधिकारिक शिकायत की है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने जापान की एलडीपी (लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी) के सांसदों के दौरे पर सवाल उठाते हुए कहा कि ताइवान चीन का एक प्रांत है और वहां “राष्ट्रपति” जैसी कोई संस्था नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ जापानी सांसदों का चीन के ताइवान क्षेत्र का भड़काऊ दौरा चीन और जापान के बीच चार राजनीतिक दस्तावेजों की भावना और जापान की अपनी प्रतिबद्धताओं के खिलाफ है, और यह वन चाइना सिद्धांत का उल्लंघन करता है। चीन इस पर कड़ा विरोध जताता है और उसने जापानी पक्ष के समक्ष गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है।

एलडीपी नेताओं के ताइवान दौरे और लाई चिंग-ते से मुलाकात को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए ये बातें कहीं।

लिन जियान ने दोहराते हुए कहा कि दुनिया में केवल एक चीन है और ताइवान चीन के क्षेत्र का अविभाज्य हिस्सा है। उन्होंने कहा, "हम जापानी पक्ष से गंभीरता से सोचने, अपनी गलतियों को सुधारने और प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची से अपनी टिप्पणियों को वापस लेने का आग्रह करते हैं।"

उन्होंने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (ताइवान का सत्ताधारी दल) को चेतावनी दी कि "जापान की चापलूसी करके 'स्वतंत्रता' हासिल करना व्यर्थ है और इससे उन्हें कुछ भी लाभ नहीं होगा।"

वास्तव में, ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने 22 दिसंबर को ताइपे में राष्ट्रपति कार्यालय में एलडीपी के कार्यकारी कार्यवाहक महासचिव कोइची हागियुडा से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने और "स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक" क्षेत्र की बेहतरी के लिए ताइपे और टोक्यो के बीच घनिष्ठ सहयोग बनाने की प्रतिबद्धता जताई।

इस अवसर पर, लाई ने कहा कि दोनों पक्षों को राष्ट्रीय रणनीति, क्षेत्रीय साझेदारी, आर्थिक सुरक्षा और उच्च तकनीकी उद्योगों में सहयोग को गहरा करने के लिए "हाथ मिलाने, एकजुट रहने और एक-दूसरे का समर्थन करने" की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों लोकतांत्रिक देशों का एक-दूसरे के साथ रहना आवश्यक है ताकि "उन्हें एक-एक करके निशाना न बनाया जा सके।"

हागिउदा का यह दौरा उस समय हो रहा है जब टोक्यो और बीजिंग के बीच राजनयिक संबंध वर्षों में सबसे निचले स्तर पर हैं। जापानी प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची ने नवंबर में कहा था कि यदि ताइवान पर चीन का हमला होता है, तो यह टोक्यो से सैन्य प्रतिक्रिया को प्रेरित कर सकता है।

एलडीपी के उप महासचिव कोइची हागियुडा मंगलवार तक ताइवान के तीन दिन के दौरे पर हैं।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम चीन और जापान के बीच बढ़ते तनाव को गंभीरता से लें। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और राजनीतिक संबंधों का यह दौर महत्वपूर्ण है। हमें इस स्थिति में संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखना चाहिए।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

चीन ने जापानी सांसदों के दौरे पर क्या कहा?
चीन ने इसे भड़काऊ और उकसावे की नीति का परिणाम बताया और जापानी पक्ष के सामने आधिकारिक शिकायत की है।
ताइवान दौरे का उद्देश्य क्या था?
ताइवान दौरे का उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखना और टोक्यो तथा ताइपे के बीच सहयोग को बढ़ाना था।
क्या यह दौरा चीन-जापान के रिश्तों को प्रभावित करेगा?
हाँ, यह दौरा चीन और जापान के रिश्तों में और तनाव पैदा कर सकता है।
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