क्या जयशंकर और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री की मुलाकात से संबंध मजबूत होंगे?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और दक्षिण कोरिया के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं।
- विशेष रणनीतिक साझेदारी के 10 वर्ष पूरे हुए हैं।
- व्यापार और तकनीकी सहयोग की नई संभावनाएं खुल सकती हैं।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है।
- आदान-प्रदान और सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा हुई।
नई दिल्ली, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को नई दिल्ली में दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून के साथ एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। उन्होंने भारत और दक्षिण कोरिया के बीच बढ़ते संबंधों और सहयोग की सराहना की। दोनों देशों ने अपनी विशेष रणनीतिक साझेदारी के 10 वर्ष पूरे किए हैं।
बैठक के दौरान, नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "शनिवार सुबह दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून से मिलकर खुशी हुई। व्यापार, विनिर्माण, समुद्री परिवहन और लोगों के बीच आदान-प्रदान के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा और रक्षा में नए अवसरों पर द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर उपयोगी चर्चा हुई।"
पोस्ट में आगे उल्लेख किया गया, "हिंद-प्रशांत और समकालीन वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया। हमारी विशेष रणनीतिक साझेदारी के 10 वर्षों का जश्न मनाते हुए हमारे गहन होते रिश्तों और बढ़ते जुड़ाव की सराहना की गई।"
इससे पहले, विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत और दक्षिण कोरिया के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी मजबूत और भविष्य की ओर अग्रसर है। उन्होंने शुक्रवार की शाम को ह्यून का स्वागत किया जब वह अपनी दो दिवसीय पहली यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे।
जायसवाल ने 'एक्स' पर लिखा, "रिपब्लिक ऑफ इंडिया के विदेश मंत्री चो ह्यून का भारत की अपनी पहली यात्रा पर नई दिल्ली आगमन पर हार्दिक स्वागत है। भारत-दक्षिण कोरिया विशेष रणनीतिक साझेदारी मजबूत है और भविष्य के लिए तैयार है।"
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता और जनसंपर्क उप मंत्री ली जेवूंग ने कहा कि यात्रा के दौरान, दोनों देश आदान-प्रदान और सहयोग बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।