क्या सिंगापुर के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि किशोर महबूबानी ने वैश्वीकरण पर नई बातें कही?
सारांश
Key Takeaways
- किशोर महबूबानी ने वैश्वीकरण पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
- चीन का अंतर्राष्ट्रीय आयात एक्सपो वैश्विक व्यापार में एक अद्वितीय पहल है।
- पश्चिमी देशों की चिंताओं का सामना करना आवश्यक है।
- अफ्रीकी उत्पादों पर शून्य टैरिफ नीति चीन का बड़ा योगदान है।
- चीन और अमेरिका का व्यापार मूल्य अब अधिक हो गया है।
बीजिंग, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) ने हाल ही में चीन में संयुक्त राष्ट्र संघ स्थित सिंगापुर के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि किशोर महबूबानी का साक्षात्कार किया।
इस अवसर पर, किशोर महबूबानी ने बताया कि होंगछ्याओ अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच और सीआईआईई में विश्व ओपन रिपोर्ट 2025 जारी की गई। इसमें यह कहा गया है कि वर्ष 2025 में वैश्विक खुलेपन में गिरावट दिखाई देगी, लेकिन पश्चिमी देश, विशेषकर अमेरिका, वैश्वीकरण को लेकर और भी ज्यादा चिंतित हैं, जबकि एशियाई देश सक्रियता से वैश्वीकरण में भाग ले रहे हैं। हालांकि, एशियाई देशों को वैश्वीकरण से भरपूर लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसलिए चीन द्वारा जारी विश्व ओपन रिपोर्ट का महत्व अत्यधिक है।
किशोर महबूबानी ने आगे कहा कि चीन एकमात्र ऐसा देश है जो अंतर्राष्ट्रीय आयात एक्सपो का आयोजन करता है। उल्लेखनीय यह है कि चीन ने हाल में अफ्रीकी देशों के उत्पादों पर शून्य टैरिफ नीति लागू करने की घोषणा की। यह अफ्रीका के विकास में चीन का योगदान है।
किशोर महबूबानी ने कहा कि अब अन्य क्षेत्रों के साथ व्यापार मूल्य में चीन का आकार अमेरिका से भी बड़ा हो गया है। यह एक तथ्य है। इसके साथ ही, विभिन्न देशों को अपने घरेलू विनिर्माण उद्योग के लिए कई आवश्यक पार्ट्स देने के लिए चीन की आवश्यकता है। स्पष्ट है कि चीन वैश्विक व्यवस्था में गहराई से जुड़ चुका है। अमेरिका के लिए यह उचित होगा कि वह आपसी लाभ एवं समान जीत के सिद्धांत के तहत चीन के साथ सहयोग करे।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)