क्या आतंकवाद मामले में बातचीत की गुंजाइश नहीं है? एससीओ सम्मेलन में पीएम के रुख का कूटनीतिक विशेषज्ञ ने समर्थन किया

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क्या आतंकवाद मामले में बातचीत की गुंजाइश नहीं है? एससीओ सम्मेलन में पीएम के रुख का कूटनीतिक विशेषज्ञ ने समर्थन किया

सारांश

चीन के तियानजिन में आयोजित एससीओ सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंकवाद पर कड़े रुख का समर्थन किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकवाद से निपटने में कोई भी दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। इस मुद्दे पर सभी देशों को एकजुट होने की आवश्यकता है। जानिए इस महत्वपूर्ण वार्ता के बारे में।

Key Takeaways

  • आतंकवाद के खिलाफ कोई भी दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए।
  • भारत और चीन को मिलकर सीमा पार आतंकवाद का सामना करने की जरूरत है।
  • एससीओ सम्मेलन ने सुरक्षा और क्षेत्रीय विकास पर जोर दिया है।

नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आतंकवाद पर व्यक्त किए गए कड़े रुख का कूटनीतिक विशेषज्ञ ने समर्थन किया। पीएम ने कहा कि आतंकवाद से निपटने में कोई दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जा सकता। उन्होंने सभी देशों से इस लड़ाई में एकजुट होने का आग्रह किया।

आतंकवाद के मामले में प्रधानमंत्री के कड़े रुख पर जाने-माने कूटनीतिक विशेषज्ञ और पी3 स्ट्रैटेजिक थिंक टैंक के संस्थापक शुभाशीष बनर्जी ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि भारत का संदेश स्पष्ट और अटल है।

बनर्जी ने कहा, "भारत आतंकवाद का सामना करने से कभी नहीं हिचकिचाया। प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प की पुष्टि करता है।"

शुभाशीष बनर्जी ने कहा, "आतंकवाद को उचित ठहराने या उसे पनाह देने की कोशिश करने वाले किसी भी देश को इसी तरह चुनौती दी जाएगी। आतंकवाद के मामले में बातचीत या सहिष्णुता की कोई गुंजाइश नहीं है।"

बनर्जी ने कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन ने सुरक्षा, सहयोग और क्षेत्रीय विकास जैसे प्रमुख मुद्दों पर सदस्य देशों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि आतंकवाद के खात्मे से स्थिर आर्थिक माहौल की ओर पहला कदम शुरू होना चाहिए।

उन्होंने कहा, "व्यापार, सुरक्षा और समृद्धि को फलने-फूलने के लिए, हमें सबसे पहले आतंकवाद को खत्म करना होगा।"

"भारत एशिया, यूरोप और दुनिया के हर कोने से आतंकवाद के खात्मे के इस अभियान में हाथ मिलाने का आह्वान करता है।"

एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंच पर उस समय खुद को 'अकेला और उपेक्षित' पाया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन उन्हें अनदेखा कर सामने से गुजर गए। इस दौरान नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच गहरी आत्मीयता दिखी।

इसी तरह 2022 के शिखर सम्मेलन के दौरान, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान शरीफ को ऐसी ही शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा था, जब उन्हें अपने हेडफोन से जूझते हुए देखा गया था। 2025 में भी इंटरनेट पर उनका खूब मजाक उड़ा, जब वह पीछे से अचानक आकर पुतिन से हाथ मिलाने की कोशिश करते दिखे।

सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की मौजूदगी में पहलगाम हमले की निंदा की। ये क्षण पाकिस्तानी पीएम के लिए शर्मिंदगी का सबब बना।

घोषणा में कहा गया, "सदस्य देशों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसे हमलों के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।"

हालांकि, शरीफ उस समय और शर्मिंदा हो गए जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन दिया।

रविवार को, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई, जिसमें सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और चीन दोनों आतंकवाद के शिकार हैं और उन्हें सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

इस बातचीत के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने तियानजिन में आयोजित एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी समझ को बहुत ही स्पष्ट रूप से पेश किया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा संकट है जिसके शिकार चीन और भारत दोनों हैं और भारत अब भी इस समस्या से जूझ रहा है। उन्होंने इस विशेष मुद्दे पर चीन का समर्थन मांगा।

बता दें कि पाकिस्तान में चीन की परियोजनाओं पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकवादी संगठनों के लगातार हमले होते रहे हैं। वह चीन और पाकिस्तान से आतंकियों पर लगाम लगाने और अपनी परियोजनाओं से जुड़े कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील करता रहा है।

Point of View

हमारा दृष्टिकोण यह है कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है जिसे सख्ती से निपटने की आवश्यकता है। भारत की स्थिति स्पष्ट है, और देश को इस मुद्दे पर एकजुटता प्रदर्शित करने की आवश्यकता है। सभी देशों को मिलकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या आतंकवाद पर बातचीत संभव है?
कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकवाद के मामले में बातचीत या सहिष्णुता की कोई गुंजाइश नहीं है।
एससीओ सम्मेलन में पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया और दोहरे मापदंडों को अस्वीकार किया।
क्या पाकिस्तान की स्थिति सम्मेलन में शर्मनाक थी?
जी हां, पीएम मोदी और पुतिन ने शहबाज शरीफ को अनदेखा किया, जो उनके लिए शर्मिंदगी का कारण बना।