क्या अमेरिका में एच-1बी पर 'शुल्क संकट' है? जानें 'ट्रंप गोल्ड कार्ड' के बारे में!

सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप गोल्ड कार्ड योजना एक मिलियन डॉलर में उपलब्ध है।
- कंपनियां दो मिलियन डॉलर में कॉरपोरेट कार्ड खरीद सकती हैं।
- आवेदकों की DHS जांच की जाएगी।
- इससे अमेरिका को 100 बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई होगी।
- यह योजना अमेरिकियों के लिए रोजगार सृजन का अवसर प्रदान करेगी।
वाशिंगटन, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा पर सख्ती को बढ़ाते हुए एक नई निवेश आधारित योजना 'ट्रंप गोल्ड कार्ड' की घोषणा की है। राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार व्यक्ति एक मिलियन डॉलर में वीजा प्राप्त कर सकेंगे, जबकि कंपनियां दो मिलियन डॉलर देकर ऐसा कर सकेंगी।
वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने शनिवार को एक्स पर इस बात की जानकारी साझा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह तरीका इमिग्रेशन को नहीं बढ़ाता है।
लुटनिक ने बताया कि 10 लाख डॉलर में कोई व्यक्ति 'ट्रंप गोल्ड कार्ड' लेकर अमेरिका में नौकरी और व्यवसाय शुरू कर सकता है। वहीं, 20 लाख डॉलर में कंपनियां अपने एक कर्मचारी के लिए 'कॉरपोरेट ट्रंप गोल्ड कार्ड' खरीद सकती हैं। यह कार्ड कंपनी के पास रहेगा और इसे शुल्क देकर किसी अन्य कर्मचारी को हस्तांतरित किया जा सकता है।
लुटनिक ने कहा कि गोल्ड कार्ड कार्यक्रम के तहत सभी आवेदकों का कठोर DHS जांच की जाएगी और उन्हें 15 हजार डॉलर का प्रोसेसिंग शुल्क देना होगा।
वाणिज्य सचिव ने बताया कि यह वीजा नियमों में बदलाव करेगा, जो मूलतः उच्च आय वाले लोगों को आकर्षित करने के लिए बनाए गए थे।
कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने कहा कि गोल्ड कार्ड बेसबॉल या फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए साइनिंग बोनस की तरह है।
उन्होंने आगे बताया कि हमारी सबसे बड़ी समस्याओं में से एक यह है कि लोग अच्छे स्कूलों में पढ़ाई करते हैं और फिर उन्हें देश से बाहर कर दिया जाता है। इसलिए, जैसे बेसबॉल या फुटबॉल में साइनिंग बोनस होता है, वैसे ही कोई कंपनी उन्हें देश में रहने के लिए आमंत्रित कर सकती है।
लुटनिक का कहना है कि इसके माध्यम से अमेरिका केवल सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा वाले लोगों को ही चुनेगा।
उन्होंने कहा कि लोग अमेरिकियों की नौकरियां छीनने के बजाय व्यवसाय शुरू करेंगे और अमेरिकियों के लिए नौकरियां पैदा करेंगे। इस कार्यक्रम से अमेरिका के खजाने में 100 बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई होगी।